
डिजिटल डेस्क: उत्तर प्रदेश विधानसभा के आखिरी सत्र में शनिवार यानी 10 फरवरी को खूब हंगामा बरपा। बजट पर चर्चा के दौरान समाजवादी पार्टी सुप्रीमो अखिलेश यादव ने CM योगी को सवालों के कठघरे में लाकर खड़ा कर दिया। इस मौके पर अखिलेश ने अलग-अलग विभागों को पिछले वर्ष आवंटित किए गए बजट और उस पर हुए खर्च का जिक्र करते हुए कहा कि, “BJP हर बार सबसे बड़ा बजट पेश करती है पर उसे खर्च नहीं कर पाती है। सरकार ने जितना आवंटित किया है, उस पर खर्च कितना किया, इस बात की जानकारी सदन में कभी नहीं दिया।
बता दें कि, अखिलेश यादव ने एक शेर बोलते हुए सदन में अपनी बात कही। उन्होंने कहा, “शेर उनके मुंह से अब अच्छे नहीं लगते, 46 में 56 की जो बात करते हैं।’ यूपी का बजट सात लाख करोड़ का हो या आठ लाख करोड़ का पर सबसे बड़ा सवाल आज भी यही है कि आपके बजट के अंदर प्रदेश की 90 फीसदी जनता के लिए क्या है? साथ ही उन्होंने अब तक के सबसे बड़े बजट पर तंज कसते हुए एक कहावत का जिक्र करते हुए कहा की, बड़ा हुआ तो क्या हुआ, जैसे पेड़ खजूर और पंछी को छाया नहीं फल लागे अति दूर।”
देश की जनता सरकारी राशन पर निर्भर
अपने भाषण में उन्होंने आगे कहा कि, “आज भारत दुनिया की पांचवीं अर्थव्यवस्था के रूप में उभर जरूर रहा है पर देश के 80 करोड़ लोग सरकारी राशन पर आज भी निर्भर करते हैं। देश में वरिष्ठ नागरिकों को रेल किराये में छूट तक नहीं मिलती है। युवाओं के लिए सेना में सिर्फ चार साल की अग्निवीर की भर्ती है।
अखिलेश ने शेरो शायरी के बहाने योगी पर किया हमला
अखिलेश यादव ने कुछ पंक्तियों के सहारे योगी सरकार को आड़े हाथ लिया। उन्होंने कहा कि, “यहां कुछ और कहता है, वहां कुछ और कहता है….. हकीकत कुछ है लेकिन दास्तां कुछ और कहता है….. कली से ताजगी, फूलों से खुशबू हो गई गायब….. चमन का हाल कुछ है, बागबां कुछ और कहता है।”
भगवान राम का अपमान करता है BJP
उन्होंने भगवान राम का जिक्र करते हुए कहा कि, “जो लोग कहते हैं कि वो राम को लेकर आए हैं वो सिर्फ प्रभु श्रीराम का अपमान करते हैं। ऐसा बोलकर आप धर्म और प्रभु श्रीराम का अपमान कर रहे हैं। आप लोगों को भगवान श्रीराम का अपमान बंद कर देना चाहिए।
तारीफ में भी कसा तंज
इस बीच अखिलेश ने मुख्यमंत्री योगी की तारीफ में भी तंज कस दिया। CM की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि, “प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए मुख्यमंत्री ने लगातार अयोध्या के दौरे किए पर जब समय आया तो फोकस से गायब हो गए। उन्होंने इन पंक्तियों के माध्यम से सीएम योगी की तरफ इशारा किया। उन्होंने कहा, हुजूर ए आला आज तक खामोश बैठे है इसी गम में… महफिल लूट गया कोई जबकि सजाई हमने। मुख्यमंत्री रेड कारपेट पर भी नहीं दिखे। उन्हें वहां से साइड कर दिया गया। लाखों दिए जलाए पर खुद को रोशनी में नहीं ला पाएं। इसे कहते हैं सच में चिराग तले अंधेरा होना।
अखिलेश यादव ने सीएम पर बढ़ते प्रेशर की तरफ इशारा करते हुए कहा, आप हमें चाचा के नाम पर छेड़ते हो। मैं आपको किसी और के नाम पर नहीं छेड़ता। मैं जानता हूं कि मुख्यमंत्री कितने दबाव में काम करता है।
UP को कभी पहचान का समस्या नहीं था
सपा सुप्रीमों ने कहा कि CM योगी अक्सर कहते हैं कि 2017 के पहले प्रदेश के सामने पहचान का संकट था जबकि यूपी ने देश को आठ प्रधानमंत्री दिए। कई शहरों में मेट्रो चलीं। टीसीएल जैसी कंपनियों ने निवेश किया। हमारी सरकार ने पूरी सुविधाएं दी। अगर पहचान का संकट था तो कंपनियों ने निवेश क्यों किया। उन्होंने कहा कि पहचान का संकट योगी सरकार के नेताओं और लोगों को है इसलिए वो निवेश नहीं ला पा रहे हैं।
योगी सरकार पहले अपना घोषणा पत्र पढ़े- अखिलेश यादव
योगी सरकार के घोषणा पत्र का जिक्र करते हुए अखिलेश ने कहा कि, “UP सरकार को अपना घोषणा पत्र पढ़ना चाहिए। हमारी सरकार ने छात्रों के लिए लैपटॉप वितरण किया था पर BJP सरकार कुछ नहीं दे पाई है। इसलिए योगी सरकार को अपने पूर्व में 2017, 2019 और 2022 के घोषणा पत्र का गहन अध्ययन करना चाहिए। सरकार को नौकरियों को लेकर अपनी स्थिति साफ को करना चाहिए। आज प्रदेश का 90 फीसदी युवा बेरोजगार बैठा है। योगी सरकार उत्तर प्रदेश में 40 लाख करोड़ रुपये के निवेश का दावा कर रही है और एक करोड़ रोजगार पैदा करने की बात कह रही है पर क्या यह बता सकते हैं कि इन्होने कितनी नौकरियां दी है।









