लखनऊ : यूपी चुनाव के नतीजे आ चुके है और बीजेपी ने सत्ता में धमाकेदार वापसी की है। समाजवादी पार्टी जोकि सत्ता में वापसी की उम्मीद लगाए हुए थी, लेकिन नतीजे उनकी उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे। समाजवादी पार्टी को जनता ने विपक्ष में बैठने का जनादेश दिया है। समाजवादी पार्टी को इस चुनाव में 111 सीटें मिली है। जबकि सपा गठबंधन को 125 सीटें मिली है।
आपको बता दे कि सपा के नेता प्रतिपक्ष रहे रामगोविंद चौधरी अपना विधानसभा चुनाव बलिया की बासडीह विधानसभा सीट से हार गए है। ऐसे में समाजवादी पार्टी को अब नए नेता प्रतिपक्ष का चुनाव करना है। चुनावी नतीजों के बाद अखिलेश यादव और चाचा शिवपाल की एक घण्टे तक चर्चा हुई। इसके बाद उनके नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने के कयास लगाए जा रहे है।
आपको बता दे की अखिलेश यादव करहल से विधायक चुने गए है। लेकिन सत्ता में वापसी नहीं होने के चलते वह विधानसभा से इस्तीफा देकर लोकसभा के सांसद बने रहेंगे।मिली जानकारी के अनुसार प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष शिवपाल यादव को विधायक दल का नेता चुना जा सकता है। अगर अखिलेश यादव यह जिम्मेदारी अपने चाचा को देते है। तो वह दूसरी बार नेता प्रतिपक्ष की भूमिका निभाते नजर आएंगे। इससे पहले वह 2007 से 2012 के बीच मायावती की सरकार के दौरान नेता प्रतिपक्ष की भूमिका निभा चुके है।
शिवपाल यादव इटावा की जसवंतनगर सीट से समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़कर विधायक चुने गए हैं। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने 21 मार्च को पार्टी के जीते सभी विधायकों को 11 बजे लखनऊ स्थित सपा कार्यालय पर बुलाया गया है। जहाँ पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव सभी नवनिर्वाचित विधायकों से मुलाकात करेंगे। इसके साथ ही इस बात की भी सम्भावना जताई जा रही है की प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल यादव को विधायक दल का नेता बनाये जाने की आधिकारिक घोषणा भी अखिलेश यादव कर सकते हैं।