
उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ शहर में देर रात 35 वर्षीय मुस्लिम व्यक्ति की भीड़ के द्वारा हत्या कर दी गई। जिसमें पुलिस ने जांच कर चार लोगों को गिरफ्तार किया है जबकि नामजद अन्य तीन की तलाश जारी है। समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के नेताओं के साथ-साथ पीड़ित के परिवार के सदस्यों ने बुधवार को तीन अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर धरना दिया। वहीं इस मामले में बजरंग दल के नेताओं ने धमकी दी कि अगर पुलिस ने “चोरों के रक्षकों” को बचाया तो वे विरोध प्रदर्शन शुरू करेंगे।
घटनास्थल पर और उसके आसपास तीन पुलिस थानों के कर्मियों को तैनात किया गया है और तनाव को देखते हुए और अधिक बल की मांग की गई है। मामा भांजा इलाके में, जहां यह घटना हुई थी, और रेलवे बाजार के दुकानदारों ने बुधवार को विरोध प्रदर्शन को देखते हुएअपनी दुकानें बंद कर लीं।
मंगलवार देर रात “इस संबंध में गांधी पार्क थाने में आईपीसी की धारा 302 (हत्या) के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की गई। हमने अब तक प्राथमिकी में नामजद चार लोगों को गिरफ्तार किया है और उपलब्ध वीडियो फुटेज के माध्यम से घटना में शामिल अन्य लोगों की पहचान करने की कोशिश कर रहे हैं। अलीगढ़ शहर के पुलिस अधीक्षक मृगांक शेखर पाठक ने कहा, “किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।”
पुलिस के मुताबिक, मंगलवार रात को कपड़ा व्यापारी मुकेश चंद मित्तल के घर से निकलकर मुख्य द्वार की ओर भागते हुए देखे जाने के बाद उस व्यक्ति पर हमला किया गया। पुलिस ने बताया कि मित्तल के बेटे रोहित, जो अपने एक मित्र को विदा करने के लिए बाहर निकला था, ने अजनबी का सामना किया और शोर मचाया, वह सीढ़ियों से गिर गया और जल्द ही मित्तल परिवार के सदस्यों और वहां एकत्र हुए अन्य लोगों ने उसे काबू में कर लिया।









