मणिपुर मामले में भाजपा पर हो रहा चौतरफा वार, सपा ने सरकार को घेरा

दो महिलाओं के साथ हुई बर्बरता और अमानवीय व्यवहार का जो विडियो वायरल हुआ उसके बाद भी भाजपा और सरकार घिर गई है।

देवरिया: समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता मनीष सिंह ने मणिपुर मामले में भाजपा सरकार को घेरते हुए कहा कि केंद्र से लेकर भाजपा शासित राज्यों तक में भाजपा की डबल इंजन सरकार कानून व्यवस्था पर पूरी तरह से फेल साबित हुई है । सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि मणिपुर में पिछले ढाई महीने से ज्यादा समय से हिंसा जारी है। भारतीय जनता पार्टी की सरकार इसे रोक पाने में फेल साबित हुई है। मणिपुर में जिस तरह से भाजपा और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने दो जातियों कुकी और मैतेई को लड़वा कर वहां के लोगों को आग में झोंकने का काम किया है वो निंदनीय है।

मणिपुर में कुकी और मैतीय समुदायों के बीच 3 मई को जो हिंसा शुरू हुई वो लगातार जारी है। दो महिलाओं के साथ हुई बर्बरता और अमानवीय व्यवहार का जो विडियो वायरल हुआ उसके बाद भी भाजपा और सरकार की संवेदना नहीं जागी। इस मामले में भी सरकार लीपापोती में लगी रही। केंद्र की भाजपा सरकार इसे रोक पाने में न केवल पूरी तरह नाकाम रही है बल्कि इसे रोकने का प्रयास भी करती नहीं दिख रही है। इस मामले में सबसे ज्यादा आश्चर्यजनक रहा है प्रधानमंत्री जी का रवैया। हर छोटी-छोटी घटनाओं पर सोशल मीडिया पर अपनी प्रतिक्रिया देने वाले प्रधानमंत्री जी जलते मणिपुर पर पूरी तरह से मौन रहे। उनके मौन और केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह के स्थिति न संभाल पाने का नतीजा ये हुआ कि ये आग और बढ़ती चली गयी।

उन्होने कहा कि विपक्ष के सभी दल लगातार प्रधानमंत्री की चुप्पी पर सवाल उठाते रहे, परन्तु उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ा। हिंसा शुरू होने के अठहत्तर दिन बीत जाने के बाद भी वो इस मामले पर चुप्पी साधे रहे। माननीय सुप्रीम कोर्ट की कड़ी फटकार और मानसून सत्र में विपक्षी दलों का सामना करने डर के चलते 78वें दिन प्रधानमंत्री ने अपनी चुप्पी तोड़ी और सदन के बाहर मीडिया से बात करते हुए पहली बार मणिपुर का नाम लिया। पर ये सिर्फ दिखावा और मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश साबित हुआ।

उन्होने कहा कि केंद्र सरकार, प्रधानमंत्रीजी और गृहमंत्री के फेल होने और बिगड़ चुकी कानून व्यवस्था का असर अब पूर्वोत्तर के बाकी राज्यों में भी दिखने लगा है। मिजोरम में शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन और पलायन की घटना तो इसकी बानगी भर है। ये आग फिलहाल थमती नहीं दिख रही है। इतना ही नहीं मणिपुर की घटना ने भाजपा सरकार का दोहरा चरित्र एक बार फिर उजागर कर दिया है। वो राजस्थान, प. बंगाल और छत्तीसगढ़ जैसे कांग्रेस या अन्य दलों की सरकार वाले राज्यों में हुई घटनाओं की आड़ में खुद को छिपा रहे हैं।

उन्होने कहा कि कानून व्यवस्था को मुद्दा बनाकर उत्तर प्रदेश में सत्ता में आई योगी आदित्यनाथ की सरकार का रवैया भी इससे अलग नही है। महिला उत्पीड़न से लेकर भ्रष्टाचार तक रोक पाने में न केवल यूपी सरकार पूरी तरह से फेल रही है बल्कि तमाम मामलों में आरोपियों के साथ खड़ी रही है। आरोपियों पर कार्रवाई कराना तो दूर सरकार खुद उन्हें बचाती है। भाजपा के विधायक रहे कुलदीप सिंह सेंगर का मामला इसका उदहारण है।

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