आज से ठीक 94 साल पहले आज ही के दिन 19 दिसंबर को काकोरी षडयंत्र के मास्टरमाइंड और भारत की स्वतंत्रता के लिए संघर्ष करने वाले राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाकउल्ला खान और रोशन सिंह को अंग्रेजों ने साजिश में शामिल होने के लिए फांसी पर लटकाया था।
भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में महत्वपूर्ण घटनाओं में से एक, काकोरी कांड, ब्रिटिश प्रशासन को हिला देने के उद्देश्य से किया गया था। इस योजना का मकसद भारत में ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ क्रांतिकारी गतिविधियों को निधि देने था।
9 अगस्त 1925 में, शाहजहांपुर से लखनऊ जाने वाली नंबर 8 डाउन ट्रेन को चंद्रशेखर आजाद, राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाकउल्ला खान और रोशन सिंह समेत कई क्रांतिकारियों ने चेन खींचकर रोका और लूट लिया माना जाता है कि ट्रेन में ब्रिटिश सरकार के खजाने से संबंधित मनी-बैग थे। बैग में आठ हजार रुपये थे। इस घटना में चंद्रशेखर आजाद पुलिस से तो बच गए, लेकिन अशफाक उल्ला खान, राम प्रसाद बिस्मिल और रोशन सिंह पुलिस के हत्थें चढ़ गए और इन्हें फांसी दे दी गई। जबकि कई क्रांतिकारियों को कैद तो कुछ को काला पानी की सजा दी गई।