Allahabad High Court: इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने उत्तर प्रदेश पुलिस को एक गर्भवती महिला और उसके दो साल के बच्चे को अपहरण के एक मामले में छह घंटे से अधिक समय तक अवैध रूप से हिरासत में रखने के मामले में कड़ी फटकार लगाई है। न्यायमूर्ति एआर मसूदी और न्यायमूर्ति सुभाष विद्यार्थी की खंडपीठ ने इसे पुलिस द्वारा शक्ति का दुरुपयोग और यातना का मामला करार दिया है।
अवैध रूप से रोके रखा
कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि पुलिस ने महिला और बच्चे को बिना किसी वैध कारण के हिरासत में रखा और उनका बयान दर्ज करने के लिए अत्यधिक समय तक उन्हें अवैध रूप से रोके रखा, जो कि न केवल कानून के खिलाफ है बल्कि यह मानवाधिकारों का भी उल्लंघन है।
दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई
खंडपीठ ने पुलिस को निर्देश दिया कि इस मामले में उचित जांच की जाए और दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। अदालत ने राज्य सरकार से यह भी पूछा कि इस प्रकार के उल्लंघनों से बचने के लिए भविष्य में क्या कदम उठाए जा रहे हैं।
तत्काल एक रिपोर्ट की तलब
यह मामला तब सामने आया जब महिला और उसके बच्चे को पुलिस ने अपहरण के मामले में कथित रूप से पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था, लेकिन उन्हें अवैध रूप से लंबे समय तक थाने में रोके रखा गया। अदालत ने मामले में तत्काल एक रिपोर्ट तलब की है।