
Allahabad Central University: इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर द्वारा छात्रों को लाठियों से सरेआम पीटे जाने का मामला लगातार गरमाता जा रहा है। इस घटना के विरोध में देश की सभी सेंट्रल यूनिवर्सिटीज में आज विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। इसी कड़ी में पूरब का ऑक्सफोर्ड कही जाने वाली इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी में भी छात्र संगठनों ने आज विरोध प्रदर्शन किया है। छात्रों ने आज काला दिन मनाते हुए सेंट्रल यूनिवर्सिटी के अलग-अलग गेटों पर प्रदर्शन किया है। छात्रों ने इस दौरान यूनिवर्सिटी प्रशासन के साथ ही केंद्र सरकार के खिलाफ भी जमकर नारेबाजी की है और छात्रों पर लाठियां बरसाने वाले आरोपी प्रोफेसर के खिलाफ केस दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किए जाने की मांग की है।
छात्रों नें कहा इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी की वाइस चांसलर तानाशाह
प्रदर्शनकारी छात्रों का कहना है कि इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी की वाइस चांसलर तानाशाही पर उतर आई हैं। वह छात्रों की कोई बात सुनना नहीं चाहती और मनमाने तरीके से उनका उत्पीड़न कर रही है। छात्र इसे कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे और लोकतांत्रिक तरीके से इसका विरोध करेंगे। छात्रों के प्रदर्शन के दौरान प्रशासन की तरफ से सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। इस दौरान सुरक्षा कर्मियों और प्रदर्शनकारी छात्रों में कई बार हल्की नोक झोंक भी हुई।
हिंदी विभाग के प्रोफेसर और चीफ प्राक्टर राकेश सिंह के खिलाफ एफ आई आर दर्ज
सेंट्रल यूनिवर्सिटीज के साथ ही कई स्टेट यूनिवर्सिटीज में भी छात्र संगठन विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। विरोध का यह कार्यक्रम छात्र संगठनों द्वारा चलाए जा रहे साझा अभियान के तहत आयोजित किया जा रहा है। हालांकि इस विरोध प्रदर्शन में बीजेपी का छात्र संगठन ABVP शामिल नहीं हुआ है। विरोध प्रदर्शन के जरिए छात्रों पर लाठियां बरसाने के आरोपी हिंदी विभाग के प्रोफेसर और चीफ प्राक्टर राकेश सिंह के खिलाफ एफ आई आर दर्ज कर कड़ी कार्रवाई किए जाने की मांग की जा रही है। छात्र संगठनों के प्रतिनिधियों का कहना है कि लाठी चलाने के आरोपी प्रोफेसर के खिलाफ अगर सरकारी अमला ठोस कार्रवाई नहीं करता है तो वह लोग अदालत की शरण लेंगे।
गौरतलब है कि इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी में बीते 17 अक्टूबर को हिंदी विभाग के प्रोफेसर राकेश सिंह ने साथियों के निलंबन के विरोध में प्रदर्शन कर रहे छात्रों को सरेआम जमकर लाठियां से पीटा था। इसके बाद उन्होंने पुलिस में एफआईआर दर्ज कराकर छात्रों को जेल भिजवा दिया था। छात्रों ने भी पुलिस में शिकायत की थी, लेकिन उनकी शिकायत पर अभी तक केस दर्ज नहीं किया गया है। सोशल मीडिया पर प्रोफेसर राकेश सिंह की गुंडागर्दी का वीडियो वायरल होने के बाद पूरे देश में कोहराम मचा था।









