
प्रख्यात वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. एस.डी. जोशी ने कहा है कि एलोपैथिक के साथ ही नेचुरोपैथी से भी मरीजों का इलाज संभव है। उन्होंने कहा कि डॉक्टर मरीज की दोस्ती प्रकृति और पर्यावरण से करा दे तो वह जल्द स्वस्थ हो सकता है। डॉक्टर एसडी जोशी के नेतृत्व में डॉक्टरों का एक ग्रुप अब मरीजों का इलाज के साथ-साथ उन्हें पर्यावरण के प्रति जागरूकता के लिए प्रेरित करेगा।
बीमारी के दौरान प्रकृति से नाता
देहरादून के जोगीवाला चौक बद्रीपुर स्थित शंकर पॉली क्लिनिक में डॉ. एसडी जोशी ने आज एक महत्वपूर्ण प्रेसवार्ता का आयोजन किया। इस दौरान उन्होंने साल 2024 की अपनी कार्ययोजना को सामने रखा। डॉक्टर एसडी जोशी ने कहा कि मरीज यदि अपनी बीमारी के दौरान प्रकृति से नाता जोड़ लें तो उसे स्वस्थ होने में सहायता मिलेगी साथ ही पर्यावरण के प्रति जागरूकता भी बढ़ेगी। उन्होंने बताया कि यदि सांस का मरीज कहीं लोगों को कूड़ा जलाते हुए देखे तो उसे रोके, इसके अलावा अधिक प्रदूषण वाले वाहन चालक को भी सचेत करे। इसी तरह अन्य लोग भी पर्यावरण जागरूकता को लेकर कार्य करें। उन्होंने कहा कि दून के डॉक्टरों का एक ग्रुप इसी तरह मरीजों को नेचर के प्रति जागरूक करने का काम करेगा। गौरतलब है कि नेचुरोपैथी में सभी बीमारियों का इलाज प्राकृतिक तरीके से ही किया जाता है। यह चिकित्सा, थेरेपी, आहार और गतिविधि का एक संयोजन होता है।
जरा सी चूक कर सकती है बीमार
डॉक्टर एसडी जोशी ने कहा कि ठंड के मौसम में सभी को अपनी सेहत का खास ख्याल रखने की आवश्यकता है। आपकी जरा सी चूक आपको बीमार कर सकती है। सतर्कता ही आपको बीमारियों से बचा सकती है। वहीं इस मौके पर डा. जोषी ने प्रसिद्व दवा कंपनी मैनकाइंड कंपनी के सहयोग से जरूरतमंदों को 60 से अधिक कंबल भी वितरित किये। प्रेसवार्ता में उनके साथ मैनकाइंड के मैनेजर अमित गुप्ता और रवि शर्मा भी मौजूद थे।