शीर्ष अदालत से जमानत मिलने के बाद ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक और फैक्ट चेकर (Fact Checker) मोहम्मद जुबैर की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है. उन्होंने गुरूवार को ट्विटर पर एक पोस्ट किया और अपने शुभचिंतकों को उनका समर्थन करने के लिए धन्यवाद दिया.
उन्होंने अपने ट्वीट की शुरुआत उर्दू के दिग्गज शायर मरहूम राहत इंदौरी की शायरी से की. मोहम्मद जुबैर ने लिखा “जो आज साहब-ए-मसनद है, कल नहीं होगा!”, जिसका मोटे तौर पर मतलब है कि जो आज सत्ता में हैं, वे कल नहीं होंगे. उन्होंने अपने ट्वीट में आगे लिखा, “आप सभी का धन्यवाद, मैं पिछले एक महीने में भारत और दुनिया भर के शुभचिंतकों से मिले अद्भुत समर्थन के लिए विनम्र और आभारी हूं. आपके समर्थन ने मुझे और मेरे परिवार को बहुत ताकत दी.”
Jo aaj sahib-e-masnand hai kal nahi hoge!
— Mohammed Zubair (@zoo_bear) July 28, 2022
Thank you everyone, I am humbled and grateful for the amazing support I’ve received in the past one month from well wishers in India and from across the world. Your support gave a lot of strength to me & my family. ✊️ ❤ pic.twitter.com/fjx9iiK8Ut
मोहम्मद जुबैर को दिल्ली पुलिस ने 27 जून को 2018 में पोस्ट किए गए अपने एक ट्वीट के माध्यम से धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोप में गिरफ्तार किया था. उत्तर प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोप में मोहम्मद जुबैर के खिलाफ आधा दर्जन प्राथमिकी दर्ज होने के बाद उन्हें पुलिस और न्यायिक हिरासत में रखा गया था.
यूपी राज्य पुलिस ने भी जुबैर पर लगे आरोपों की जांच के लिए एक विशेष जांच दल का गठन किया था, जिसे शीर्ष अदालत की जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, सूर्यकांत और एएस बोपन्ना की पीठ ने भंग कर दिया और सभी मामलों को दिल्ली स्थानांतरित करने का आदेश देते हुए कहा था कि “उनकी (जुबैर की) स्वतंत्रता से वंचित रहने का कोई कारण या औचित्य नहीं है.”