भारत का 2047 तक विकसित देश बनने का सपना, 7.8% की वृद्धि दर की जरूरत

भारत के लिए आर्थिक सुधारों का यह समय महत्वपूर्ण है। यदि भारत अपने आर्थिक आधार को मजबूत करता है और महिलाओं की भागीदारी बढ़ाता है, साथ ही तकनीकी बदलावों को अपनाता है, तो आने वाले दशकों में भारत एक समृद्ध और विकसित राष्ट्र बन सकता है।

भारत ने पिछले दो दशकों में शानदार आर्थिक वृद्धि हासिल की है, जिसमें 2000 और 2019 के बीच औसत वृद्धि दर 6.6% रही। हालांकि, कोविड-19 महामारी के कारण वृद्धि दर में गिरावट आई, लेकिन भारत ने तेजी से वापसी की है। अब, भारत का लक्ष्य 2047 तक एक विकसित देश बनना है, इसके लिए उसे 7.8% की औसत वार्षिक वृद्धि दर हासिल करनी होगी।

भारत को क्या करना होगा?

विश्व बैंक की संचालन निदेशक, एना ब्जेर्डे के अनुसार, भारत को इसके विकास लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए तीन मुख्य क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करना होगा:

  1. निवेश दर में वृद्धि: भारत को अपने निवेश-से-जीडीपी अनुपात को वर्तमान 33% से बढ़ाकर 40% तक लाना होगा। इस वृद्धि से विकास को गति मिलेगी।
  2. महिला श्रमिकों की भागीदारी में वृद्धि: ब्जेर्डे के अनुसार, यदि भारत अपने महिला श्रमिकों की भागीदारी दर को 35.6% से बढ़ाकर 50% करता है, तो इससे जीडीपी में एक प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है। इसके लिए भारत ने पहले ही महिला श्रमिकों के लिए बुनियादी ढांचे, आवास, परिवहन और सुरक्षा जैसी समस्याओं को संबोधित किया है।
  3. उत्पादकता में सुधार: ब्जेर्डे ने भारत में तकनीकी अनुकूलन और नवाचार के संक्रमण को उत्पादकता में सुधार के लिए अहम कदम बताया। इस दिशा में काम करने से भारत 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बन सकता है।

वैश्विक व्यापार और जीडीपी वृद्धि

जब दुनिया में विभिन्न देशों के बीच व्यापार संबंधों में अनिश्चितता और जोखिम बढ़ रहे हैं, तब भी भारत को एक स्थिर घरेलू बाजार और मजबूत आर्थिक नीतियों के माध्यम से खुद को मजबूत रखना होगा। एना ब्जेर्डे का मानना है कि भारत को नए व्यापारिक अवसरों पर ध्यान देना चाहिए और वैश्विक मूल्य श्रृंखला में अपनी भागीदारी को मजबूत करना चाहिए।

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