
Uttar Pradesh: अमरोहा से आई यह खबर दिल दहला देने वाली है, जहाँ सगी बुआ ने अपने ही खून के रिश्ते को पैसों की हवस में बेच डाला। महज 12 साल की मासूम भतीजी को 9 लाख रुपये में एक अधेड़ व्यक्ति को सौंप दिया गया। यह सिर्फ एक अपराध नहीं, बल्कि उन रिश्तों पर करारा तमाचा है जिनमें सबसे ज़्यादा भरोसा किया जाता है। समाज को झकझोर देने वाला यह मामला अमरोहा के रहरा थाना क्षेत्र से सामने आया है, जिसने हर किसी को सोचने पर मजबूर कर दिया है – क्या वाकई अब रिश्ते भी सौदे का हिस्सा बनते जा रहे हैं? आइए जानते हैं पूरे मामले को….
दरअसल, रहरा थाना क्षेत्र में एक सगी बुआ ने अपने ही भाई की 12 साल की मासूम बेटी को 9 लाख रुपये में एक अधेड़ उम्र के व्यक्ति को बेच दिया। इस अमानवीय सौदे की खबर सामने आते ही इलाके में सनसनी फैल गई है।
पिता ने लगाई इंसाफ की गुहार
मासूम बच्ची के पिता ने जब अपनी बेटी की गुमशुदगी और पूरी घटना की जानकारी पाई, तो वह टूट गया और तुरंत पुलिस का दरवाजा खटखटाया। उसने थाने पहुंचकर बताया कि उसकी ही सगी बहन ने, जो बच्ची की बुआ है, उसे धोखे से कहीं भेजा और फिर पैसों के बदले किसी अधेड़ व्यक्ति को सौंप दिया।
पुलिस जांच में जुटी
शिकायत मिलते ही पुलिस हरकत में आ गई है। रहरा थाना पुलिस ने बच्ची की तलाश शुरू कर दी है और इस घिनौने सौदे में शामिल लोगों के खिलाफ जांच तेज कर दी गई है। पुलिस की शुरुआती पड़ताल में यह बात सामने आ रही है कि बुआ पहले से इस साजिश में शामिल थी और किसी जान-पहचान के व्यक्ति के साथ मिलकर यह सौदा तय किया गया था।
समाज में फैली नाराज़गी
इस घटना के बाद इलाके में लोगों में गुस्सा है। जिस रिश्ते को सबसे सुरक्षित माना जाता है, वही जब खतरनाक बन जाए, तो सवाल उठने लाजमी हैं। बुआ, जो मां के बाद सबसे करीबी मानी जाती है, जब वह ही मासूम को बेचे—तो समाज का भरोसा कैसे बचेगा?
क्या बोले लोग
स्थानीय लोगों का कहना है कि यह केवल एक अपराध नहीं, बल्कि एक सोच पर हमला है। “बेटियों के लिए अगर उनका ही घर असुरक्षित हो जाए, तो फिर वो कहां जाएं?”
पुलिस की अपील
पुलिस ने जनता से अपील की है कि अगर किसी को इस मामले से जुड़ी कोई जानकारी हो, तो तुरंत पुलिस को सूचित करें। साथ ही यह भी भरोसा दिलाया गया है कि बच्ची को जल्द सुरक्षित ढूंढ निकाला जाएगा और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
बेटियों की सुरक्षा को लेकर और ज़िम्मेदार बनें
अमरोहा की यह घटना सिर्फ एक परिवार या एक बच्ची की नहीं है, यह पूरे समाज के लिए चेतावनी है कि कैसे रिश्तों की आड़ में मासूमियत की बोली लगाई जा रही है। यह वक़्त है कि हम सभी जागें, बेटियों की सुरक्षा को लेकर और ज़िम्मेदार बनें, और ऐसे दरिंदों को समाज से बाहर करने में कानून का साथ दें।
बेटियां बोझ नहीं, भरोसे की नींव हैं — उन्हें बचाना, संभालना और सहेजना हम सबकी ज़िम्मेदारी है। उम्मीद है कि मासूम बच्ची को जल्द इंसाफ मिलेगा और दोषियों को ऐसी सज़ा दी जाएगी जो समाज के लिए नज़ीर बने।