
बिहार में पटना के SSP कार्तिकेय शर्मा ने दुलारचंद यादव हत्याकांड में बड़ी कार्रवाई की जानकारी दी। इस मामले में मुख्य आरोपी और JDU उम्मीदवार अनंत सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया है। गिरफ्तारी के बाद अनंत सिंह को पटना लाया गया।
बाढ़ के बेढ़ना गांव से अनंत सिंह की गिरफ्तारी हुई। उनके साथ दो और सहयोगी मणिकांत और रंजीत राम को भी गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार किए गए आरोपियों से पूछताछ की जा रही है। अनंत सिंह को आज मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया जाएगा।
यह हत्या 30 अक्टूबर को हुई थी। दुलारचंद यादव की हत्या के बाद पुलिस ने मामले की गहन जांच शुरू की थी। पटना के SSP कार्तिकेय शर्मा ने बताया कि घटना के समय अनंत सिंह मौके पर मौजूद थे, और उन्हें मुख्य आरोपी माना जा रहा है।
SSP कार्तिकेय शर्मा ने बताया कि तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, लेकिन वे आत्मसमर्पण करने को तैयार नहीं थे। पुलिस अन्य आरोपियों की तलाश कर रही है। SSP ने कहा कि इस मामले में अनंत सिंह को मुख्य आरोपी माना गया है।
अनंत सिंह का संघर्ष और वैराग्य जीवन
अनंत सिंह का जन्म 5 जनवरी, 1967 को पटना जिले के बाढ़ कस्बे के पास नदवां गांव में हुआ था। बचपन में उनका मन पढ़ाई-लिखाई में नहीं लगता था, और उन्होंने चौथी कक्षा के बाद स्कूल छोड़ दिया। उनका झुकाव आध्यात्मिकता की ओर था, और मात्र 9 साल की उम्र में उन्होंने घर छोड़ दिया और हरिद्वार में साधुओं के बीच रहकर पूजा-पाठ करने लगे।
अनंत सिंह की जीवन दिशा बदलने वाली घटना
हालांकि, साधुओं के बीच हुई हिंसक झगड़े को देखकर अनंत सिंह का वैराग्य का मोह भंग हो गया। इसके बाद, जब उनके बड़े भाई बिराची सिंह की हत्या कर दी गई, तो अनंत सिंह का जीवन पूरी तरह बदल गया। उन्होंने भाई के हत्यारे से बदला लेने का संकल्प लिया और एक जमींदार परिवार से होने के कारण, वह माओवादी संगठनों से संघर्ष में कूद पड़े।
राजेश सिंह की किताब ‘बाहुबलीज ऑफ इंडियन पॉलिटिक्स’ में लिखा गया है कि जब पुलिस ने हत्यारे के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की, तो अनंत सिंह ने खुद इंसाफ करने का फैसला किया। एक मुखबिर से सूचना मिलने के बाद अनंत ने गंगा नदी पार करके हत्यारे को ढूंढ निकाला और उसे ठिकाने लगा दिया।









