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बांदा : यूपी में कानून व्यवस्था के बुरे हाल हैं। पुलिस पूरी तरह तानाशाही पर आमादा है और सियासी रसूख भी खाकी के आगे बेदम महसूस होने लगा है। यूपी के बांदा में लगातार पुलिस की कार्यशैली पर सवालिया निशान लग रहे हैं और पुलिस पर एक बार फिर छेड़खानी और बदसलूकी का आरोप लगा है। पीड़ित लड़की आरोपी पुलिस वाले और गांव के दबंगों के खिलाफ अनशन पर बैठी है और पिछले तकरीबन ढाई महीने से इंसाफ के लिए फरियाद कर रही है लेकिन इस बेबस मजलूम की सुनने वाला कोई नहीं है। आज आईजी की तरफ से अधिकारियों को भेज कर इस पूरे प्रकरण की जांच के निर्देश दिए गए हैं और पीड़ितों को समझा-बुझाकर अनशन से उठाया गया है।
आपको बता दें कि यह मामला बांदा के गिरवा थाना क्षेत्र के एक गांव से सामने आया है जहां की रहने वाली एक किशोरी अशोक लाट में अपने परिवार के साथ पिछली 22 नवंबर से दोबारा अनशन पर बैठी है। पीड़ितों की मानें तो 16 सितंबर को गांव का दबंग राजबहादुर अपने कुछ साथियों और गिरवा थाने के एसआई और कुछ पुलिस कर्मियों के साथ उनके घर में जबरन घुस गया था और उसके साथ अभद्र व्यवहार किया था उसके बाद तथाकथित पुलिसकर्मी और दबंग ने उसके भाई को उस समय अगवा कर लिया जब वह एक निमंत्रण से लौट रहा था। भाई को सकुशल बचाने के लिए इस पीड़ित परिवार ने अधिकारियों के चौखट में काफी फरियाद की और अपने भाई की जान बचाने की गुहार लगाई लेकिन जब किसी जिम्मेदार ने इनकी फरियाद नहीं सुनी तो यह परिवार आमरण अनशन पर बैठ गया।
परिवार को आमरण अनशन पर बैठे देख पुलिस के कुछ अधिकारी अनशन स्थल पर पहुंचे और पीड़ित परिवार को कार्रवाई का आश्वासन देकर अनशन से उठा दिया लेकिन इसके बावजूद भी 2 महीने बीतने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई जिस पर यह पीड़ित परिवार 22 नवंबर को मुख्यालय में अशोक लाट के नीचे दोबारा अनशन पर बैठ गया। पीड़ित परिवार का कहना है कि घर में घुसकर मारपीट और छेड़खानी करने वाले दबंग और पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई होना चाहिए और उसके भाई की हत्या की गई है जिस पर कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए लेकिन पुलिस पैसे के दम पर दबंगों से बिकी हुई है।
इस मामले में जब सीओ नरैनी से बात की गई तो उनका कहना था कि मामला उनके संज्ञान में हैं और छेड़खानी के आरोप की उन्होंने जांच कराई है जिसमें यह आरोप गलत पाए गए हैं और पीड़ित के भाई का गायब होने का मामला गुमशुदगी में दर्ज कर लिया गया है जिस पर आगे जांच की जा रही है।
वहीं धरने में बैठने के तकरीबन 12 दिन बाद आज धरना स्थल पर सीओ सिटी बांदा पहुंचे जहां उन्होंने पीड़ित परिजनों को समझा-बुझाकर जूस पिलाकर उनका अनशन खत्म कराया और पूरे मामले की नए सिरे से जांच करने के लिए आईजी चित्रकूट धाम परिक्षेत्र के आदेश का हवाला दिया। सीओ सिटी का कहना है कि इस प्रकरण में गांव के कुछ दबंग और कुछ पुलिसकर्मियों के भी नाम सामने आए हैं जिसके लिए पुलिस आईजी महोदय ने उन्हें जांच सौंपी है और जांच पूरी कर दोषी जनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।