प्रदेश की योगी सरकार महिलाओं की सुरक्षा को लेकर प्रतिबद्ध है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेश की सशक्त कानून व्यवस्था का अपने हर संबोधन में जिक्र करते हैं. वर्तमान में यूपी विधानसभा का मानसून सत्र चल रहा है. महिलाओं के प्रति होने वाले अपराधों को लेकर प्रदेश की योगी सरकार ने अपनी जीरो टॉलरेंस नीति को और अधिक मजबूत किया है.
इसी कड़ी में मानसून सत्र के अंतिम दिन विधानसभा में महिला सुरक्षा के लिहाज से एक बेहद अहम विधेयक पारित हुआ. अब तक महिलाओं और बच्चों के खिलाफ होने वाले गंभीर अपराधों में आरोपियों को अग्रिम जमानत मिल जाती थी. लेकिन प्रदेश की योगी सरकार ने मानसून सत्र के अंतिम दिन यानी शुक्रवार को ‘दंड प्रक्रिया संहिता (संशोधन) विधेयक 2022′ पारित किया.
CrPC (संशोधन) विधेयक 2022 के पारित होने के बाद महिलाओं और बच्चों के खिलाफ होने वाले गंभीर अपराधों में आरोपी को अग्रिम जमानत नहीं मिल सकेगी. वहीं बच्चों के खिलाफ होने वाले अपराधों की बात करें तो किसी आरोपी पर POCSO एक्ट लगने पर भी अग्रिम जमानत नहीं मिल सकेगी. दरअसल, CrPC (संशोधन) विधेयक 2022 के जरिए, CrPC की धारा-438 में बदलाव किया गया है.
साथ ही संशोधन विधेयक के जरिए ही Code of Criminal Procedure की धारा-438 के अलावा POCSO ACT और 376, 376-A, 376 -AB, 376 -B, 376-C, 376-D,376-DA, 376-DB, 386-E की धाराओं में भी मामला दर्ज होने पर आरोपी को अग्रिम जमानत नहीं मिल सकेगी.