इन घरेलू उपायों से दूर होगी अर्थराइटिस की समस्या, जानें गठिया से कैसे मिलेगी निजात?

अर्थराइटिस सामान्यतः हड्डियों के जोड़ों को प्रभावित करती है. इसलिए इसे जोड़ों का सूजन भी कहें तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी. आज के समय में यह समस्या केवल बुजुर्गों तक ही सीमित नहीं है, इससे बड़ी संख्या में अलग-अलग उम्र के लोग भी प्रभावित हो रहे हैं.

बढ़ती उम्र के साथ शरीर में विकार भी बढ़ने लगते हैं. विशेषकर बुजुर्गों में जो सबसे सामान्य रोग देखने को मिलता है वह आर्थराइटिस या वात रोग की समस्या है. ढलती उम्र, गलत खानपान, मोटापा और बदलती जीवनशैली के चलते अर्थराइटिस यानी गठिया जैसी समस्या से उम्रदराज लोगों को दो-चार होना ही पड़ता है.

अर्थराइटिस सामान्यतः हड्डियों के जोड़ों को प्रभावित करती है. इसलिए इसे जोड़ों का सूजन भी कहें तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी. आज के समय में यह समस्या केवल बुजुर्गों तक ही सीमित नहीं है, इससे बड़ी संख्या में अलग-अलग उम्र के लोग भी प्रभावित हो रहे हैं.

अर्थराइटिस कई तरह की होती है. शारीरिक क्षमता के आधार पर और समय के साथ-साथ यह वयस्कों और किशोरों को हो सकती है. ऐसे में जरूरी है कि सेहत का ध्यान रखें और अर्थराइटिस से बचने के लिए एक स्वस्थ जीवनशैली अपनाए. आज हम अर्थराइटिस के रामबाण घरेलू उपचार के बारे में जानेंगे.

  • गठिया जैसी समस्या से निजात पाने में जैतून का तेल बेहद कारगर माना गया है. अगर गठिया ग्रस्त व्यक्ति प्रभावित हिस्से की जैतून के तेल से मालिश करता है तो उसे अर्थराइटिस से बेहद राहत मिलेगी.

  • 2. कब्ज की समय भी गठिया जैसे विकारों को जन्म देती है, इसलिए जरूरी है कि वात रोगी को गुनगुना एनिमा दिया जाए जिससे उसका पेट साफ हो. इस नुस्खे से गठिया के रोग को रोका जा सकता है.

  • शारीरिक कसरत और नियमित व्यायाम कई रोगों को खत्म करने में कारगर होता है. गठिया के रिस्क से बचने के लिए नियमित व्यायाम अहम भूमिका अदा करेगा.

  • गठिया के जोखिम को कम करने के लिए स्टीम बाथ या भाप स्नान और शरीर को मालिश भी जरूरी और फायदेमंद नुस्खा है. यह ना केवल अर्थराइटिस को कम करने के लिहाज से वरन शरीर को तंदुरुस्त रखने का भी एक बेहतरीन उपाय हो सकता है.
  • ताजा फलों के जूस का सेवन और विटामिन डी की प्रचुरता वाले खाद्य पदार्थों के सेवन से भी अर्थराइटिस का जोखिम कम होता है.

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