
शुक्रवार देर शाम केंद्र सरकार ने दिल्ली में ट्रांसफर पोस्टिंग के अधिकार एलजी को देने के लिए अध्यादेश लेकर आई. यह सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश को पलटने के लिए किया गया, जिसमें ये अधिकार दिल्ली के मुख्यमंत्री को मिले थे. इसी अध्यादेश को लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को प्रेस कांफ्रेंस की और केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को प्रेस कांफ्रेंस कर केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने अध्यादेश के जरिए “सुप्रीम कोर्ट की गरिमा का अपमान किया है.” अफसरशाहों के ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ अध्यादेश लाकर केंद्र ने शीर्ष अदालत की अवमानना की है.”
प्रेस कांफ्रेंस के दौरान केजरीवाल ने “यह एक भद्दा मजाक है. उन्होंने एक हफ्ते के भीतर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलट दिया. केंद्र सुप्रीम कोर्ट को खुले तौर पर चुनौती दे रहा है. यह सुप्रीम कोर्ट की स्पष्ट अवमानना है और इसकी गरिमा का अपमान है.” केजरीवाल ने कहा, “अध्यादेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जाएगी. यह दिल्ली सरकार के काम को धीमा करेगा, लेकिन इसे रोक नहीं पाएगा.”
सीएम केजरीवाल ने केंद्र सरकार पर अध्यादेश के लिए कोर्ट के बंद होने का इंतजार करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, “सुप्रीम कोर्ट के आदेश और अध्यादेश में 8 दिन की अंतर है. ये लोग अध्यादेश के लिए कोर्ट के बंद होने का इंतजार कर रहे थे. ये सब कोर्ट की छुट्टी का इंतजार कर रहे थे. उन्होंने कहा कि “1 जुलाई को कोर्ट खुलने पर दिल्ली सरकार केंद्र के इस अध्यादेश को चुनौती देगी.”
बता दें कि शुक्रवार को, केंद्र ने एक विशेष अध्यादेश जारी किया. जिसमें कहा गया कि दिल्ली में वरिष्ठ अधिकारियों के स्थानांतरण और पोस्टिंग के लिए एक प्राधिकरण बनाया जाएगा. ये अध्यादेश नौकरशाहों के स्थानांतरण और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही के लिए एक राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण स्थापित करने पर केंद्रित है.









