रिपोर्ट – रवि सर्राफ
रविवार को यूपी चुनाव को लेकर प्रदेश प्रभारी और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने दिल्ली स्थित अपने आवास पर यूपी के ब्राह्मण मंत्रियों और सांसदों साथ एक अहम बैठक की। बैठक में UP सरकार के तमाम ब्राह्मण मंत्री समेत केंद्र सरकार के ब्राह्मण संसद भी शामिल हुए। बैठक का उद्देश्य उत्तर प्रदेश चुनाव में ब्राह्मण वोटरों को लुभाना और ब्राह्मण वोटरों के बीच नाराजगी को दूर करना था।
धर्मेंद्र प्रधान ने इस दौरान सभी सांसदों और मंत्रियों से फीडबैक लिया साथ ही उन्हें यूपी चुनाव को लेकर ब्राह्मण वोटरों को लुभाने के लिए जरुरी निर्देश भी दिए। इस बैठक के बाद भारत समाचार संवाददाता के साथ बातचीत करते हुए भाजपा राज्य सभा सांसद डॉ अशोक वाजपेयी ने कहा कि यह एक सामान्य बैठक थी और हम लोगों की इस तरह की बैठकें चलती रहती है।
ब्राह्मणों की नाराजगी को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में राज्य सभा सांसद डॉ अशोक वाजपेयी ने कहा कि यह महज एक गलतफहमी है कि राज्य में ब्राह्मण नाराज है, यह विपक्षी दलों की साजिश है, उन्होंने इस गलतफहमी को पैदा किया है। भाजपा ब्राह्मणों की पार्टी है और सारे ब्राह्मण नेताओं ने मिलकर भाजपा को बनाया है तो आज ब्राह्मण भाजपा से नाराज कैसे हो सकते हैं?
उन्होंने कहा कि यह बैठक सभी वर्ग के लोगों के लिए हो रही है, यह सिर्फ ब्राह्मणों की बैठक नहीं हुई हैं। वाजपेयी ने कहा की ब्राह्मण जातिवादी नहीं राष्ट्रवादी है। ब्राह्मणों के प्रति बसपा ईमानदार होती तो उन्हें ये सब नहीं करना पड़ता। अगर किसी के मन में कुछ बात होगी तो उसे भी हम लोग दूर करने का काम करेंगे।
अशोक बाजपेयी ने बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि इस बैठक में केवल UP विधानसभा चुनावों पर चर्चा हुई और 2017 जैसा माहौल 2022 में लाने के लिए बैठक हुई। धर्मेंद्र प्रधान के आवास पर आयोजित इस बैठक के बाद भाजपा ब्राह्मण सांसद और मंत्रियों के लिए भोजन की भी व्यवस्था की गई थी। धर्मेंद्र प्रधान ने सभी को नए वर्ष का कैलेंडर और भगवान जगन्नाथ का प्रसाद भेंट किया।