ऑस्ट्रेलिया के उप प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री रिचर्ड मार्लेस ने भारत द्वारा पाकिस्तान के साथ संघर्षविराम (Ceasefire) को अपनाने के फैसले को “भारतीय नेतृत्व का साहसिक कदम” बताया है। मार्लेस ने कहा कि Operation Sindoor के बाद 10 मई को भारत द्वारा सैन्य कार्रवाई रोकने का निर्णय पूरी दुनिया के लिए एक सकारात्मक संदेश है।
रिचर्ड मार्लेस ने एक इंटरव्यू में कहा कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की खबर ऑस्ट्रेलिया ने “गहरे सदमे” के साथ सुनी। उन्होंने कहा, “यह एक बेहद भयावह हमला था। प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज़ ने तत्काल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात कर शोक और संवेदना व्यक्त की।”
आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ
ऑस्ट्रेलियाई डिप्टी पीएम ने स्पष्ट किया कि उनकी सरकार आतंकवाद के हर रूप के खिलाफ है और भारत के साथ मिलकर काम करने को प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, “हम भारत के साथ खड़े हैं और दुनिया भर में आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर लड़ना चाहते हैं।”
ऑपरेशन सिंदूर और सीज़फायर पर क्या बोले मार्लेस?
मार्लेस ने 10 मई को भारत और पाकिस्तान के बीच हुए संघर्षविराम को “भारतीय नेतृत्व की परिपक्वता” करार दिया। उन्होंने कहा,
“हम सैन्य गतिविधियों की समाप्ति का स्वागत करते हैं। यह एक साहसिक और दूरदर्शी कदम है, जो भारत की नेतृत्व क्षमता को दर्शाता है।”
उन्होंने यह भी कहा कि आतंकवाद के खिलाफ भारत की कार्रवाई — ऑपरेशन सिंदूर — को दुनिया भूल नहीं सकती। “हम मानते हैं कि पहलगाम में जो हमला हुआ, वह निंदनीय था, और भारत का जवाब भी उसी स्तर का था। हम भारत के साथ हैं, जब वह आतंकवाद के खिलाफ खड़ा होता है,” उन्होंने कहा।
ट्रंप के दावे पर मार्लेस का जवाब
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया पर दावा किया था कि भारत-पाकिस्तान के बीच संघर्षविराम में अमेरिकी मध्यस्थता की अहम भूमिका रही। इस पर रिचर्ड मार्लेस ने सीधे तौर पर कुछ नहीं कहा लेकिन इतना ज़रूर कहा कि, “दुनिया का हर देश शांति चाहता है, और भारत द्वारा सैन्य कार्रवाई रोकना एक सकारात्मक कदम था, जिसे हम भारतीय नेतृत्व का प्रतीक मानते हैं।”
क्या है ऑपरेशन सिंदूर?
भारत ने 7 मई को “ऑपरेशन सिंदूर” के तहत पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की थी। इन हमलों में 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए थे, जो वैश्विक स्तर पर प्रतिबंधित आतंकी संगठनों से जुड़े हुए थे। यह कार्रवाई 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आत्मघाती आतंकी हमले के जवाब में की गई थी, जिसमें कई जवान शहीद हुए थे।








