आज़म को जमानत तो मिली लेकिन होगा चुनाव, जाने EC ने सुप्रीम कोर्ट को बताया क्यों नहीं टाल सकते उपचुनाव ?

हेट स्पीट मामले में समाजवादी पार्टी के नेता आज़म खाँ को बड़ी राहत मिली है। 15 नवंबर तक अब सपा नेता आज़म खाँ को फिलहाल पुलिस नहीं गिरफ्तार कर सकेगी। कोर्ट ने उनकी अंतरिम जमानत मंजूर कर ली है। लेकिन आजम खान की सदस्यता रद्द होने के मामले में बड़ी जानकारी सामने आयी है। चुनाव आयोग की ओर से वकील अरविंद दत्तार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि चुनाव आयोग उपचुनाव को टाल नहीं सकता है। संवैधानिक कारणों से ऐसा नहीं किया जा सकता है।

बीते 27 अक्टूबर को हेट स्पीट मामले में आज़म खान को सजा हो गई। आज उनके वकील ने कोर्ट में उनकी जमानत के लिए गुहार की है कोर्ट से आज़म खान को राहत मिली है ।आजम खान की सदस्यता रद्द होने का मामले में आज शीर्ष न्यायालय में बड़ी बहस हुई। आजम खान की ओर से उनकी दलील पी चिदंबरम ने रखा। आजम खान की तरफ से पी चिदंबरम कोर्ट में दलील और अपना पक्ष रखा। पी चिदंबरम ने कहा कि 27 अक्टूबर को आजम को सजा हुईऔर उसके अगले दिन उनकी सदस्यता रद्द कर दी गई।

पी चिदंबरम ने आगे कहा कि आजम मामले में सरकार ने तेजी से कदम उठाया। हमें अपील करने का समय भी नहीं दिया गया। हमें अपील करने का समय मिलना चाहिए। वहीं चुनाव आयोग की तरफ से कोर्ट में अरविंद दातार दलील दी।

इस मामले में सीजेआई जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने चुनाव आयोग को फटकार लगाई है। सीजेआई ने कोर्ट में कहा कि क्या चुनाव आयोग इंतजार नहीं कर सकता साथ ही सुझाव दिया कि आजम खान को एक मौका मिलना चाहिए। क्या चुनाव आयोग हर एक केस में ऐसा ही करेगा। अब इस मामले में चुनाव आयोग के वकील ने सुप्रीम कोर्ट से समय मांगा। चीफ जस्टिस ने कहा कि चुनाव आयोग आश्वस्त करें कि गजट नोटिफिकेशन 72 घंटे तक न जारी हो। इससे इस बीच हाईकोर्ट का रूख किया जा सकता है।

गौरतलब है कि MP-MLA कोर्ट ने आज़म खान को हेट स्पीच मामले में दोषी करार देते हुए तीन साल की सजा सुनाई थी। आजम खान पर 25 हजार का जुर्माना भी लगाया गया था। 2019 में चुनाव के दौरान आजम खान के भड़काऊ भाषण के कारण उन पर केस दर्ज किया गया था। जिसकी सुनवाई करते हुए बृहस्पतिवार को MP-MLA कोर्ट में उन्हें दोषी करार दिया गया। 2019 में उन्होंने पीएम मोदी, सीएम योगी व तत्कालीन डीएम के खिलाफ अपशब्द कहे थे।

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