
Badaun: जिला प्रशासन भले ही गोवंश को पकड़कर गोशाला में संरक्षित करने का दावा कर रहा हो, लेकिन असलियत यह है कि छुट्टा गोवंश का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। सोमवार को भी सांड के हमले से एक और किसान की मौत हो गई, और परिजनों ने पुलिस को सूचना दिए बिना शव का अंतिम संस्कार कर दिया। ये घटनाएं लगातार हो रही हैं, और हर सप्ताह कहीं न कहीं किसी न किसी की जान जा रही है। प्रशासन तो तमाम तरह के अभियान चला रहीं हैं.. लेकिन लगता हैं कि सिर्फ कागजों तक ही सीमित हैं। अगर ऐसा ना होता तो आए दिन आवारा जानवरों के हमले से किसानों की मौत ना होती।
कई बार जमीन पर पटका
यह घटना थाना मूसाझाग क्षेत्र के गिधौल गांव के मजरा मर्रई की है। यहां के रहने वाले रामदीन (58) रविवार सुबह करीब 9 बजे खेत से वापस आकर गांव के मुख्य मार्ग किनारे बने मंदिर पर बैठ गए थे। तभी गांव की ओर से आए एक सांड ने उनपर हमला कर दिया। सांड ने रामदीन को अपनी सींघों से उठाकर कई बार जमीन पर पटका। आसपास के ग्रामीणों ने सांड को भगाने की कोशिश की, लेकिन सांड ने उन पर भी हमला करने की कोशिश की।
पुलिस को सूचित किए बिना शव का अंतिम संस्कार
किसी तरह से रामदीन को सांड के चंगुल से छुड़ाया गया और एंबुलेंस बुलाकर जिला अस्पताल भेजा गया। लेकिन इलाज के दौरान शाम करीब सात बजे रामदीन की मौत हो गई। दुख की बात यह है कि परिजनों ने पुलिस को सूचित किए बिना शव को अपने साथ ले गए और अंतिम संस्कार कर दिया।
अभियान केवल कागजों तक ही सीमित
वही इस मामले पर ग्रामीणों का कहना है कि गांव में दर्जनों छुट्टा गोवंश घूम रहे हैं, जो किसानों की फसलें बर्बाद कर रहे हैं और लोगों पर हमला भी कर रहे हैं। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि इन छुट्टा गोवंश को पकड़कर गोशाला में भेजा जाए। हालांकि, डीएम के निर्देश पर गोवंश को संरक्षित करने के लिए जो अभियान चलाया गया था, वह केवल कागजों तक ही सीमित रह गया है, और असल में इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही है।
थाना प्रभारी जितेंद्र सिंह ने घटना की जानकारी दी और बताया कि परिजनों ने शव का अंतिम संस्कार कर दिया और पुलिस को सूचना नहीं दी। मामले की जांच की जा रही है।









