बागपत: हनीप्रीत को डेरा सौंपने को लेकर बोले डेरा प्रमुख गुरु हमसे हम हैं हम ही रहेंगे, रूहानी दीदी के नाम से जानी जाएगी हनीप्रीत

हरियाणा की सुनेरिया जेल से पैरोल पर आए राम रहीम ने हनीप्रीत का नाम बदल दिया है, गुरमीत राम रहीम बाबा ने कहा कि बेटी हनीप्रीत अब रूहानी दीदी के नाम से जानी जाएगी। साथ ही उन्होंने गद्दी और गुरु बदलने की चर्चाओं पर भी विराम लगा दिया। उन्होंने कहा कि डेरे के गुरु हम थे हम है और हम रहेंगे।

विपिन सोलंकी संवाददाता बागपत

हरियाणा की सुनेरिया जेल से पैरोल पर आए राम रहीम ने हनीप्रीत का नाम बदल दिया है, गुरमीत राम रहीम बाबा ने कहा कि बेटी हनीप्रीत अब रूहानी दीदी के नाम से जानी जाएगी। साथ ही उन्होंने गद्दी और गुरु बदलने की चर्चाओं पर भी विराम लगा दिया। उन्होंने कहा कि डेरे के गुरु हम थे हम है और हम रहेंगे। गुरमीत राम रहीम ने बरनावा आश्रम से दोनो बयान जारी किये हैं।  वहीं एक वीडिओ जारी हुआ है,  जिसमे राम रहीम दिवाली का त्यौहार मना रहा है, और लोगो से प्रदूषण नहीं फैलाने की भी अपील की गई। 

गुरमीत राम रहीम रोहतक की सुनारिया जेल से 15 अक्टूबर को 40 दिन पैरोल पर आया है, और बागपत के बरनावा आश्रम में अपने परिवार के साथ रह रहा है। जिसके बाद आज उन्होंने आश्रम से ऑनलाईन आकर अपने समर्थकों को संबोधित भी करता है, और हनीप्रीत और डेरे की गद्दी को लेकर ये बयान दिया है कि हनीप्रीत हमारी धर्म की बेटी है, और के शिष्य है।  रूहानी दीदी नाम दिया गया है इस सब बातों को स्पष्ट और बताने के लिए डेरा सच्चा सौदा आश्रम बरनावा से गुरमीत राम रहीम ने वीडियो जारी किया हैं। 

डेरा प्रमुम ने वीडियो जारी कर बोल, उसी के जुबानी

डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम ने कहा कि चिट्ठियों में लिख दी एक बात, आपने सुनी है और पढ़ी है,  गुरु हम थे हम हैं और हम ही रहेंगे। सौ परसेंट, एक हजार परसेंट, लाख परसेंट लाखों बार करलवालो हम थे, हम है और हमें रहेंगे, पता नहीं क्या खाज उठती है, और कुछ दिन बाद फिर शुरू हो जाते हैं।  फिर खाज उठती है, और फिर शुरू हो जाते हैं, कि सूत्रों से पता चला है, ये सूत्र नहीं मिले आज तक, कहां रहते है ये सूत्र नाम का प्राणी। हम काफी ढूंढा यह अज्ञात सूत्र होता किधर है कितना कमाल है कि लिखना ही आ गया कि सूत्रों से। 

बुरा ना मानना हमारे चौथा स्तंभ क्योंकि मुंह से बात निकल जाती है रहती नहीं है हमसे। हम आपको बुरा नहीं कहना चाहते पर यह क्या है हमने आपको कितनी चिट्ठियों चिट्ठी में भी लिख दिया और आज बोल दिया कि लाखों बार कहलवालो है कि गुरू हमें थे हम हैं और हम ही रहेंगे। हमने अपनी साध संगत को पछली बार यह कसम दिलाई थी कि गुरु के समतुल्य समझना अपनी आशिकी को बेइंतहा दाग लगवाना है इन बच्चों ने हमें तोहफा दिया था कि अपने गुरु पर सौ परसेंट यकीन करेंगे और उसके बराबर किसी को नहीं मानेंगे।

गुरमीत सिंह ने हनी प्रीत को दिया नाम, रूहानी दीदी

अपनी बिटिया को हमने एक नाम दे दिया है, नाम तो वो ही है वैसे, बिटिया का नाम बताने की जरूरत नहीं है सबको पता है और साथ संगत भी जानती है हमारी बिटिया का नाम हनी प्रीत है धर्म की बेटी है और हमारी मुख्य शिष्या है और उनका हमने एक छोटा सा नाम दे दिया है सारे कहते हैं गुरुजी, सारे दीदी दीदी कहते है इसलिए पता नहीं चलता तब हमने हनी प्रीत का नाम दे दिया है रुह दी यानी रुहानी दीदी। ताकि आप आसानी से समझ सके थी और थोड़ा सा मॉर्डनाइज करके भी नाम दिया है।

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