“ड्रैगन और हाथी के बीच बैले डांस”, चीन ने पीएम मोदी की टिप्पणी पर दी प्रतिक्रिया

भारत और चीन के बीच आपसी सम्मान और सहयोग को लेकर एक नई टिप्पणी आई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में दोनों देशों के संबंधों पर "सकारात्मक" विचार व्यक्त किए थे, जिसे चीन ने सराहा और इसे "ड्रैगन-हाथी नृत्य" के रूप में व्यक्त किया। चीन ने कहा कि यह सहयोग ही दोनों देशों के लिए सबसे सही विकल्प है।

Desk : भारत और चीन के बीच आपसी सम्मान और सहयोग को लेकर एक नई टिप्पणी आई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में दोनों देशों के संबंधों पर “सकारात्मक” विचार व्यक्त किए थे, जिसे चीन ने सराहा और इसे “ड्रैगन-हाथी नृत्य” के रूप में व्यक्त किया। चीन ने कहा कि यह सहयोग ही दोनों देशों के लिए सबसे सही विकल्प है।

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने कहा, “2000 से अधिक वर्षों के संबंधों में दोनों देशों ने मैत्रीपूर्ण आदान-प्रदान बनाए रखे हैं। दोनों देशों ने एक-दूसरे से सीखा और मानव प्रगति में योगदान किया।” यह बयान पीएम मोदी की अमेरिका स्थित पॉडकास्टर लेक्स फ्रिडमैन के साथ बातचीत के बाद आया, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि हाल ही में राष्ट्रपति शी जिनपिंग से हुई उनकी बातचीत के बाद भारत-चीन सीमा पर स्थिति सामान्य हो गई है।

पीएम मोदी ने कहा कि भारत सरकार का ध्यान यह सुनिश्चित करने पर है कि दोनों देशों के बीच मतभेद विवाद में न बदल जाएं। उन्होंने संवाद पर जोर देते हुए कहा कि केवल संवाद के माध्यम से ही एक स्थिर और सहयोगात्मक संबंध बनाया जा सकता है, जो दोनों देशों के सर्वोत्तम हितों को पूरा करता है।

चीन के प्रवक्ता ने पीएम मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच अक्टूबर में कज़ान, रूस में हुई बैठक को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि यह द्विपक्षीय संबंधों के सुधार और विकास के लिए रणनीतिक मार्गदर्शन प्रदान करने वाली थी।

भारत और चीन के बीच सीमा विवाद के बावजूद, पीएम मोदी ने हाल ही में सीमा पर सामान्य स्थिति की वापसी को स्वीकार किया। इसके अलावा, भारतीय और चीनी सैनिकों ने चार साल के अंतराल के बाद पिछले साल नवंबर में पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर गश्त फिर से शुरू की।

चीन के प्रवक्ता ने कहा कि दोनों देशों ने महत्वपूर्ण आम सहमतियों का पालन किया है और द्विपक्षीय संबंधों में सकारात्मक परिणाम प्राप्त किए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि चीन और भारत, दोनों विकासशील देशों के रूप में, एक-दूसरे की सफलता में योगदान देने के लिए साझेदार बनने चाहिए।

दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों के विकास को लेकर चीन ने अपनी तैयारियों का भी ऐलान किया, जिसमें राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ को एक अवसर के रूप में मानते हुए संबंधों को स्थिर और मजबूत बनाने की दिशा में काम किया जाएगा।

पीएम मोदी ने इस पर कहा, “हमारा सहयोग न केवल पारस्परिक रूप से लाभकारी है, बल्कि यह वैश्विक शांति और समृद्धि के लिए भी आवश्यक है।”

Related Articles

Back to top button