
मुंबई: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा भारतीय वस्तुओं पर 50% तक के टैरिफ लगाने के बावजूद, बार्कलेज ने भारतीय कंपनियों के बॉन्ड को मजबूत बताया है। बैंक का कहना है कि मजबूत बैलेंस शीट, उच्च तरलता और घरेलू मांग के कारण कंपनियां इस दबाव को सहन कर सकती हैं।
बार्कलेज के अनुसार, अमेरिकी टैरिफ से भारतीय निर्यात पर असर पड़ा है, जिससे व्यापार-भारित टैरिफ दर 35.7% तक पहुंच गई है। हालांकि, कंपनियों की वित्तीय स्थिति मजबूत होने के कारण बॉन्ड पर दबाव सीमित रहेगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि कंपनियों को निर्यात बाजारों में विविधता लाने और घरेलू मांग को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। इससे वे वैश्विक व्यापार में अनिश्चितताओं का सामना कर सकेंगी।
इस स्थिति में, भारतीय कंपनियों को अपने व्यापारिक रणनीतियों में बदलाव करने की आवश्यकता है ताकि वे अमेरिकी टैरिफ के प्रभाव को कम कर सकें और वित्तीय स्थिरता बनाए रख सकें।









