यूपी के बरेली का एक लाल एलओसी पर आतंकियों से मोर्चा लेते हुए शहीद हो गया। जैसे ही ये खबर उसके परिवार में पहुची तो मातम छा गया। श्रीनगर के गुरेज सेक्टर 9 राजपूत में तैनात शहीद सौरभ राणा की आतंकियों से मुठभेड़ हो गई। दोनों तरफ से हुई फायरिंग में सौरभ राणा वीरगति को प्राप्त हो गया।
सौरभ राणा की शहीद होने की खबर के बाद उसके परिवार में कोहराम मचा हुआ है। उसकी माँ, बाप, पत्नी और भाई को रो रो कर बुरा हाल है। माँ और पत्नी तो रोते रोते बार बार बेहोश हो जा रहे है। सौरभ राणा 2014 में 9 राजपूत रेजिमेंट में भर्ती हुआ था। उसके पिता राजकुमार राणा भी आर्मी में कैप्टन के पद से सेवानिवृत्त हुए है। सौरभ के परिवार में उसके पिता राजकुमार, छोटा भाई राहुल, मां कुसुम देवी पत्नी संध्या सिंह, बेटे 8 साल का रूपेश और 3 साल का हर्ष है। सौरभ के पिता का कहना है कि मेरा तो सबकुछ चला गया। उनका कहना है कि अभी तक उनके बेटे का शव श्रीनगर में ही है। उनकी सरकार से मांग है कि जल्द से जल्द उनके बेटे का शव बरेली लाया जाए।
सौरभ 29 मार्च को लंबी छुट्टी के बाद ड्यूटी पर वापिस गया था। पत्नी ने बताया कि कल दोपहर 12 बजे फोन आया था कि अपना ध्यान रखना मैं काफी ऊँचाई पर जा रहा है दो तीन दिन फोन नही लगेगा, चिंता मत करना और 2 बजे फोन आया कि सौरभ को आतंकबादीयों ने गोली मार दी।
वही बिडम्बना ये है कि सौरभ राणा के शहीद होने के बाद अभी तक उनके घर पर कोई भी अधिकारी नही पहुचा है। बरेली के डीएम शिवाकांत दिवेदी भी अभी तक यहां नही पहुचे है। जबकि वन मंत्री डॉ अरुण कुमार कल शाम शहीद के घर पर सांत्वना देने के लिए पहुचे थे।