बरेली. बरेली में थैलेसीमिया मरीजों को नहीं मिल रही दवा जिससे नाराज परिजनों ने सीएमओ के गेट पर बैठकर अपनी नाराजगी जाहिर की है साथ ही साथ अपने बच्चों की जिंदगी बचाने के लिए गुहार की है। उन्होंने कहा है कि अगर उनके बच्चों को सही समय पर दवा नहीं मिलेगी जिससे उनके बच्चों की जान खतरे में पड़ सकती है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी गेट के बाहर बैठे यह थैलेसीमिया के परिवार के लोग हैं इनका कहना है कि स्वास्थ्य विभाग के द्वारा पिछले 6 महीने से आयरन चिलेटिंग दवा डेसिफर इंजेक्सन उपलब्ध नहीं होने से जिले के 180 थैलीसिमिया पीड़ित बच्चे और उनके परिजन दर-दर भटकने को मजबूर हैं।
सरकारी स्तर से थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों को दवा नहीं मिलने की बजह से परिजनों की परेशानी बढ़ रही है दरअसल थैलेसीमिया पीड़ित मरीज को हर महीने ब्लड चढ़ाने की जरूरत होती है। ब्लड चढ़ाने के साथ ही ब्लड में आयरन की मात्रा काफी बढ़ जाती है। ऐसे में आयरन को कम करने के लिए बच्चों को आयरन चिलेटिंग दवा खिलाया जाता है। दवाएं महंगी होने के कारण आर्थिक रूप से कमजोर मरीज इन्हें बाजार से खरीद भी नहीं पा रहे हैं।
बरदारी के जगतपुर के रहने यासीन ने जानकरी दी कि उनके एक बच्चे थैलेसीमिया बीमारी से पीड़ित है। उसे हर हफ्ते में ब्लड चढ़वाना पड़ता है। ऐसे मरीजों में आयरन की मात्रा भी बढ़ जाती है, इसे नियंत्रित करने के लिए दवाएं लेनी होती हैं लेकिन वह पिछले 6 महीने से अस्पताल के साथ-साथ सिविल सर्जन और जिलाधिकारी कार्यालय के चक्कर काट चुके हैं पर दवाइयां नहीं मिल रही हैं। थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों को दवा उपलब्ध करवाने के लिए उन्होंने इस को लेकर शिकायत की।
बरेली जिला में इस बक्त थैलेसीमिया से ग्रस्त बच्चों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है ऐसे में परिवार वालों की भी अपने बच्चों को लेकर टेंशन बढ़ रही है परिवार वाले जिला अस्पताल से दबाना मिलने को लेकर बेचैन है तो वहीं उनके मासूम की जिंदगी खतरे में है लाल तो इसी को लेकर सोमवार को बड़ी संख्या में थैलेसीमिया से ग्रस्त बच्चों के परिवार के लोगों ने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए धरने पर बैठ गए और दवा की मांग करने लगे इस बीच सीएमओ को ज्ञापन भी दिया है।