एक तरफ सरकार जीरो टॉलरेंस की बात करती है वहीं दूसरी तरफ सरकार के सरकारी मुलाजिम भ्रष्टाचार इस कदर संलिप्त है कि उनको अपने उच्चाधिकारियों का तनिक भी डर नही है,योजना कोई भी हो जिले में भ्रष्टाचार होता ही होता है।
मामला बस्ती जिले के गौर ब्लॉक का है जहाँ गौर ब्लॉक में तैनात ग्राम पंचायत सचिव प्रशांत पांडेय को भ्रष्टाचार के आरोप में निलंबित कर दिया गया है, उनपर कई भ्रस्टाचार के आरोप लगे थे, जिसको लेकर जांच चल रही थी। प्रथमदृष्टया जांच में दोषी पाए जाने पर उनपर कार्रवाई की गई। पंचायत सचिव पर गौर ब्लॉक के शिकटा और पैकवलिया पाली गांव में विकास कार्यों में जम कर सरकारी धन के भ्रस्टाचार का आरोप लगा। बिना पूरा काम कराये पंचायत भवन का पैसा निकालने का आरोप लगा, पीएम के ड्रीम प्रोजेक्ट स्वच्छ भारत मिशन के तहत बन रहे शौचालय बिना बनवाये पैसा निकालने का आरोप है। आखिर जब धरातल पर इसी प्रकार से काम होगा तो सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं का लाभ कैसे जनता को मिलेगा।
इस पूरे मामले पर सीडीओ राजेश प्रजापति ने कहा कि ग्राम सचिव पर कई भ्रस्टाचार के आरोप लगे थे। उनकी जांच के लिए टीम गठित की गई है। जांच रिपोर्ट आने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल इनको निलंबित किया गया है। विभागीय जांच की जा रही है। जांच रिपोर्ट के आधार पर ग्राम सचिव पर कार्रवाई की जाएगी।