सदन में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच दिखा बेहतर तालमेल, अखिलेश के सुलगते सवालों पर CM योगी का करारा जवाब !

सीएम योगी यहीं नहीं रुके उन्होंने कहा कि आज उत्तर प्रदेश में 'लड़कों से गलती नहीं होती.' नेता प्रतिपक्ष भी जानते हैं कि अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई होती है और आज प्रदेश में कोई अपराधी बख्शा नहीं जाता.

मंगलवार को विधान सभा के बजट सत्र का दुसरा दिन रहा. सदन में विपक्ष ने सत्ता पक्ष से जहां एक के बाद एक कई सवाल पूछें तो वहीं विपक्ष को भी सत्ता पक्ष से करारा जवाब मिला. सदन में नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने कानून व्यवस्था और महिला सुरक्षा के मुद्दे पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से कई सवाल पूछे.

उन्होंने विधानसभा में कहा कि जिस समय सदन में राज्यपाल का अभिभाषण चल रहा था उसी दौरान गोरखपुर में बेटी के साथ दुष्कर्म हुआ था. सरकार सिर्फ अपने प्रचार में लगी है और महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराधों के मामले में यूपी सबसे आगे है. अखिलेश ने राज्य में पुलिस तंत्र को लेकर भी सत्ता से सवाल किया.

उन्होंने कहा कि राज्य की पुलिस निरंकुश हो चुकी है, अब प्रदेश की पुलिस दबिश देने नहीं गुंडई करने जाती है. पुलिस ने मारा किसी और जेल किसी और को भेज दिया गया. उन्होंने सरकार से सवाल पूछते हुए कहा कि महिला अपराधों के मामले में 1090 के आंकड़े क्या कहते हैं बताइये?

इस पर करारा जवाब देते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज सरकार जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत कार्रवाई कर रही है. सीएम योगी ने कहा कि अपराधियों पर ही सरकार कार्रवाई करती है और आज प्रदेश में महिलाएं बहुत सुरक्षित हैं और प्रत्यक्ष को किसी प्रमाण की जरूरत नहीं होती क्योंकि महिलाओं ने बीजेपी को बढ़-चढ़ कर वोट किया.

सीएम योगी यहीं नहीं रुके उन्होंने कहा कि आज उत्तर प्रदेश में ‘लड़कों से गलती नहीं होती.’ नेता प्रतिपक्ष भी जानते हैं कि अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई होती है और आज प्रदेश में कोई अपराधी बख्शा नहीं जाता. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार में महिला संबंधी अपराधों पर कड़ी कार्रवाई की गई और ऐसी महिलाओं को बेहतर न्याय मिल सके इसके लिए पॉस्को कोर्ट की स्थापना की गई.

अखिलेश के तमाम सवालों पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चुन-चुन कर जवाब दिया. मगलवार को सदन में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच बेहतर तालमेल और गर्मागर्म जनमुद्दों की बहस देखने की मिली. पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के बाद ओमप्रकाश राजभर ने भी खुद पर हुए हमले को सदन में उठाते हुए सरकार को एक बार फिर कानून व्यवस्था के मुद्दे पर घेरने की कोशिश की जिसका करारा जवाब वित्त एवं संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने दिया.

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