
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के लिए एक बड़ी सौगात दी है। केंद्रीय कैबिनेट ने 8वें वेतन आयोग को मंजूरी दे दी है, जिससे केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनधारियों के लिए वेतन बढ़ोतरी की उम्मीदें बढ़ गई हैं। यह निर्णय आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास पर केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में लिया गया।
केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनधारियों को लंबे समय से 8वें वेतन आयोग का इंतजार था। अब, केंद्रीय कैबिनेट द्वारा इसकी मंजूरी मिलने के बाद, जल्द ही इस आयोग के गठन के लिए एक कमिटी बनाई जाएगी और आयोग को बनाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
वेतन आयोगों का इतिहास
भारत में सरकारी कर्मचारियों के वेतन की समीक्षा के लिए अब तक सात वेतन आयोगों का गठन किया गया है। प्रत्येक आयोग ने सरकारी कर्मचारियों के वेतन, भत्तों, पेंशन, और अन्य लाभों में संशोधन की सिफारिशें की हैं। इन आयोगों का उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों को उचित वेतन देना और उनके कामकाजी जीवन को बेहतर बनाना है।
- पहला वेतन आयोग (1947): स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद, पहला वेतन आयोग गठित किया गया था, जिसका उद्देश्य कर्मचारियों के वेतन को नई परिस्थितियों के अनुसार तय करना था।
- दूसरा वेतन आयोग (1957): इस आयोग का गठन कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि करने के लिए किया गया, क्योंकि कर्मचारियों की संतुष्टि में कमी आ रही थी।
- तीसरा वेतन आयोग (1973): तीसरे आयोग ने वेतन वृद्धि के साथ-साथ पेंशनधारियों के लाभ में भी बढ़ोतरी की सिफारिश की।
- चौथा वेतन आयोग (1986): इस आयोग ने कर्मचारियों के लिए न केवल वेतन बढ़ाया, बल्कि उनकी कार्य स्थितियों में भी सुधार की सिफारिश की।
- पाँचवां वेतन आयोग (1996): इस आयोग ने कर्मचारियों के लिए पे स्केल्स और पेंशन में बड़ा सुधार किया।
- छठा वेतन आयोग (2006): छठे आयोग ने सरकारी कर्मचारियों के वेतन में ऐतिहासिक वृद्धि की, जो सरकार के लिए एक बड़ा वित्तीय भार था।
- सातवां वेतन आयोग (2016): सातवें आयोग ने कर्मचारियों के वेतन और पेंशन में 23.55% की वृद्धि की, जिससे सरकारी कर्मचारियों को एक नई उम्मीद मिली।
8वें वेतन आयोग की आवश्यकता
8वें वेतन आयोग की आवश्यकता तब महसूस की गई, जब कर्मचारियों के वेतन और भत्तों की तुलना में महंगाई बढ़ी और जीवन स्तर में बदलाव आया। इसके साथ ही, कर्मचारियों के कार्यभार और उनके कामकाजी माहौल में भी बदलाव आया है। केंद्र सरकार ने यह कदम कर्मचारियों के हितों को ध्यान में रखते हुए उठाया है, ताकि वे अपनी मेहनत के अनुसार उचित वेतन प्राप्त कर सकें और सरकार के कार्यों को बेहतर तरीके से पूरा कर सकें।
अब, 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें कर्मचारियों के लिए और पेंशनधारियों के लिए उम्मीदों का नया अध्याय खोलने वाली हैं।









