
रामपुर- कारतूस कांड में कोर्ट ने सजा का ऐलान किया है.20 पुलिसवालों समेत 24 लोगों को सजा मिली है. कोर्ट ने दोषियों को 10-10 साल की सजा सुनाई है. पुलिस,पीएसी,CRPF के जवानों को सजा सुनाई गई है.
2010 में एसटीएफ की जांच में आरोपी बनाए गए थे.13 साल बाद कोर्ट ने 10-10 साल की सजा सुनाई है. कोर्ट ने दोषियों पर 10-10 हजार का जुर्माना भी लगाया है.दो CRPF हवलदारों को कोर्ट ने 7-7 साल की सजा दी है.
बता दें कि आर्म्स एक्ट में दोनों को 7-7 साल की सजा सुनाई है.दंतेवाड़ा नक्सली हमले में नक्सलियों को कारतूस दी थी.सरकारी कारतूस नक्सलियों को सप्लाई किए गए थे.
रामपुर- कारतूस कांड में 24 दोषियों को 10 साल की सजा, 13 साल बाद स्पेशल कोर्ट से हुई 10 साल की सजा, सीआरपीएफ ग्रुप सेंटर के 2 हवालदार को भी सजा, यूपी पुलिस के 24 जवानों को हुई है सज़ा, आर्म्स एक्ट में दोषी पाए जाने पर हुई सजा.#Rampur pic.twitter.com/p9SxiIf3RT
— भारत समाचार | Bharat Samachar (@bstvlive) October 13, 2023
कारतूस कांड क्या हैं चलिए आपको बताते हैं….
कारतूस कांड 29 अप्रैल साल 2010 के दिन यूपी एसटीएफ एक आरोपी को अरेस्ट करती है. एसटीएफ के एस.आई प्रमोद कुमार मामले की जांच करते हैं. इस दौरान एक डायरी सामने आती है. इस डायरी को लेकर कहा जा रहा है कि कई लोगों के नाम और मोबाइल नंबर लिखे होते थे. इस डायरी के आधार पर एसटीएफ 25 लोगों को और गिरफ्तार कर लेती थी. हैरानी की बात ये होती थी कि ये सभी पुलिसकर्मी होते हैं. इनमें से कुछ सीआरपीएफ और कुछ पीएससी में भी तैनात होते थे. एसटीएफ ने मामले का खुलासा करते हुए कहा कि ये सभी पुलिस और सुरक्षा बलों के जवान नक्सलियों और आतंकवादियों को कारतूस की सप्लाई किया करते थे.









