IPC की धारा 411 को लेकर बड़ा सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, जानें चोरी के सामान की खरीद फरोख्त मामले में कोर्ट ने क्या कहा?

भारतीय दंड संहिता के अनुसार ऐसे मामले में आरोपी शख्स को किसी एक अवधि के लिए कारावास तीन वर्षों तक बढ़ाया जा सकता है, या आर्थिक दंड, या दोनों से दंडित जाने का प्रावधान है.

गुरूवार को सुप्रीम कोर्ट ने IPC की धारा 411 को लेकर बड़ा फैसला दिया. दरअसल, आईपीसी की धारा 411 चोरी के सामान की खरीद फरोख्त मामले में है. इसी को लेकर गुरूवार को शीर्ष अदालत ने कहा कि अभियुक्त को तभी ऐसे मामले दोषी ठहराया जाना चाहिए जब अभियोजन यह साबित कर दे कि आरोपी को मालूम था कि वह चोरी का सामान खरीद रहा है.

एक मामले में सुनवाई के दौरान अदालत ने यह भी कहा कि एक आरोपी के खुलासे के बयान को इस बात के सबूत के तौर पर स्वीकार नहीं किया जा सकता है कि दूसरे आरोपी को चोरी का सामान होने की जानकारी है.

बता दें कि भारतीय दंड संहिता 1860 या आईपीसी की धारा 411 के मुताबिक जो भी कोई किसी चुराई हुई संपत्ति को विश्‍वास पूर्वक यह जानते हुए कि वह चोरी की संपत्ति है और बेईमानी से प्राप्त करता या उसे बरकरार रखता है तो वह दंड का भागी होगा.

भारतीय दंड संहिता के अनुसार ऐसे मामले में आरोपी शख्स को किसी एक अवधि के लिए कारावास तीन वर्षों तक बढ़ाया जा सकता है, या आर्थिक दंड, या दोनों से दंडित जाने का प्रावधान है.

आईपीसी की इसी धारा को लेकर सर्वोच्च अदालत ने कहा कि ऐसे मामले में अभियुक्त को तभी दोषी ठहराया जाना चाहिए जब अभियोजन यह साबित कर दे कि आरोपी को मालूम था कि वह चोरी का सामान खरीद रहा है.

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