
गाजियाबाद से बेहद चौकाने वाली बड़ी खबर सामने आई है। गाजियाबाद पुलिस कमिश्नरेट का बड़ा कारनामा सामने आया है। शांतिभंग की आशंका में 535 लोगों को जेल भेजा गया है। धारा 107,116,151 में रिकॉर्ड तोड़ लोगों को जेल भेज दिया गया है।गाजियाबाद पुलिस की एकतरफा कार्रवाई हुई और सुनवाई नहीं हुई।
गाजियाबाद पुलिस हाईकोर्ट, सुप्रीमकोर्ट का आदेश नहीं मानती। कमिश्नरेट में 107,116,151 की सुनवाई पुलिस के पास है। कमिश्नरेट के कार्यपालक मजिस्ट्रेट सुनवाई नहीं करते। भारी जमानत राशि और कोर्ट में सुनवाई नहीं होती। अपर जिला जज ने पुलिस कमिश्नर को पत्र भेज कर हाईकोर्ट, सुप्रीमकोर्ट के आदेशों का हवाला दिया।

निर्दोषों को जेल भेजने में कई पुलिस कमिश्नरेट आगे है। पुलिस कमिश्नरेट में मजिस्ट्रेट की पावर मिली है। कई पुलिस कमिश्नरेट में जेल भेजो अभियान चल रहा है। गाजियाबाद जेल में 40% बंदी सिर्फ शांतिभंग वाले है। इस मामले में अपर जिला जज ने पुलिस कमिश्नर को पत्र भेज कर हाईकोर्ट, सुप्रीमकोर्ट के आदेशों का हवाला दिया। अपर जिजा जज के पत्र से हड़कंप मचा है। हाईकोर्ट भी इस मामले का संज्ञान ले सकता है।

मई 2023 में जिला कारागार में अन्य अपराध में बन्दीयों की संख्या 562 है। धारा 107,116,151 crpc में बन्दीयों की संख्या 535 है। लगभग 48% बन्दी 107,116,151 crpc में निरूद्ध है। जिला कारागार में निरुद्ध बन्दीयों द्वारा बताया गया है कि कार्यपालक मजिस्ट्रेट न्यायालय में कोई सुनवाई नही है। एकतरफा आदेश पारित कर दिया जाता है। यह स्थापित विधि है कि पक्षकार को सुनवाई का अवसर दिया जाए। उक्त मामले में माननीय उच्चतम न्यायालय, माननीय उच्च न्यायालय द्वारा पारित विधिक सिद्धान्त का अनुपालन सुनिश्चित करें।
गाजियाबाद
— भारत समाचार | Bharat Samachar (@bstvlive) May 31, 2023
➡गाजियाबाद से बेहद चौकाने वाली बड़ी खबर
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कुछ बन्दीयों द्वारा अवगत कराया गया कि कार्यपालक मजिस्ट्रेट द्वारा अत्याधिक जमानत धनराशि निर्धारित की जाती है। जिसे देने में वे सक्षम नहीं है।जमानत धनराशि निर्धारित करते समय व्यक्ति की सामाजिक व आर्थिक स्थिति को दृष्टिगत रखते हुए जमानत धनराशि निर्धारित करें। युक्तियुक्त मामले में जमानत दाखिल करने का समय प्रदान करें। जमानतीयों के सत्यापन हेतु समय प्रदान करे। जमानत की शर्तों में शिथिलता बरते।