सपा प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल का बड़ा बयान, कहा- बैलेट पेपर से चुनाव करवाओ सच सामने आ जाएगा

नरेश उत्तम पटेल ने मीडिया से बातचीत की। उन्होंने BJP को आड़े हाथ लेते हुए बैलेट पेपर से चुनाव करवाने की मांग उठाई है।  

आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर सभी पार्टियों ने अपनी – अपनी तैयारियां शुरू कर दी है। इस बीच समाजवादी पार्टी ने भी राज्यसभा चुनाव में हार का सामना करने के बाद अपनी कमर कस्ते हुए अगले चुनाव को लिए रणनीति तैयार करने में जुट गई है। इस बीच गुरुवार यानी 29 फरवरी को चुनाव के मद्देनजर सपा प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने मीडिया से बातचीत की। इस दौरान उन्होंने BJP को आड़े हाथ लेते हुए बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने एक बार फिर EVM को दोषी ठहराते हुए बैलेट पेपर से चुनाव करवाने की मांग उठाई है।  

समाजवादी पार्टी मजबूती से चुनाव लड़ेगी हमने आयोग के सामने अपनी बात रखी है और सर्वप्रथम मांग की है कि जो ईवीएम प्रणाली है इस पर जनता का विश्वास घटा है। ईवीएम से चुनाव कराने पर जगह-जगह गड़बड़ी की आशंकाएं बढ़ी हैं। ईवीएम को हटाकर बैलेट पेपर का इस्तेमाल हो ताकि जनविश्वास बढ़ने के साथ भारत का लोकतंत्र मजबूत हो पारदर्शी हो। हमारी मांग है कि बैलेट पेपर से चुनाव हो ताकि दूध का दूध पानी साफ हो। लोगों की इस बड़े लोकतंत्र में शंकाएं मिट जाए, यदि जन विश्वास घटेगा तो लोकतंत्र कमजोर होगा।

उन्होंने ये भी मांग की है कि अधिकारियों की पोस्टिंग पर ध्यान दिया जाए क्यूंकि सत्ता दल के तरफ से उनकी पोस्टिंग कर विपक्ष को परेशान किया जा सकता है। अधिकारी सत्ता के दबाव में काम करेंगे, हमारे लोगों को परेशान कर सकते है ताकि बीजेपी का वोट बढ़े। इस चुनाव में पक्षपात न हो पाए इसका ध्यान रखना होगा। साथ ही अगर चुनाव हो जाने के दौरान कोई प्रत्याशी गड़बड़ी की आशंका को लेकर रिकाउंटिंग की बात करता है तो सभी वीवीपैट और ईवीएम की गिनती दोबारा कराई जाए। उन्होंने बाल श्रम अधिनियम के नियम पर बोलते हुए कहा कि इसका इस्तेमाल चुनाव में कोई पार्टी नहीं करती, लेकिन बच्चे खुद चुनाव के दौरान तमाम आयोजन में आ जाते हैं और अधिकारी सत्ता के दबाव में कार्यवाही करते है। इस अधिनियम पर भी विचार करना चाहिए।

वहीं, बीजेपी की बूथों पर परदानसी महिलाओं की जांच की मांग को लेकर नरेश उत्तम पटेल ने कहा कि, “बीजेपी भारत के सामाजिक ताने बाने को कमजोर कर रही है। जो गंगा जमुनी तहजीब है बीजेपी का उसपर विश्वास नहीं है। समाज में विषमता पैदा कर रही है ये दुनिया की बड़ी और बौद्धिक पार्टी अपने को कहती है। धर्म को लेकर इस तरह की भावना जाति को लेकर दुर्भावना होना ये लोकतंत्र के लिए बहुत घातक है।”

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