
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM (ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन) ने चार सीटों पर जीत दर्ज करके सभी को चौंका दिया है। इसके अलावा, पार्टी एक अन्य सीट पर बढ़त बनाए हुए है। यह AIMIM के लिए एक ऐतिहासिक जीत है, जो बिहार की राजनीति में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराती है।
AIMIM की ऐतिहासिक जीत
AIMIM के उम्मीदवारों ने जिन सीटों पर जीत हासिल की, वे हैं:
- जोकीहट (50): मोहम्मद मुर्शिद आलम ने 28,803 वोटों के अंतर से जीत हासिल की। कुल 83,737 वोट मिले।
- बहादुरगंज (52): एमडी तौसीफ आलम ने 28,726 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की। कुल 87,315 वोट मिले।
- कोचधामन (55): एमडी सरवर आलम ने 23,021 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की। कुल 81,860 वोट मिले।
- अमौर (56): अख्तरुल इमाम ने 38,928 वोटों के अंतर से जीत हासिल की। कुल 1,00,836 वोट मिले।
AIMIM की बढ़ती ताकत
AIMIM ने बिहार के चुनाव में अपने समर्थकों को मजबूत संदेश दिया है और एक नई शक्ति के रूप में उभरी है। यह परिणाम बिहार में पार्टी के बढ़ते प्रभाव को दर्शाता है, विशेष रूप से मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में, जहां पार्टी ने बड़ी जीत दर्ज की है।
इसके अलावा, AIMIM एक अन्य सीट पर बढ़त बनाए हुए है, और इससे यह साफ हो रहा है कि पार्टी अब बिहार में और अधिक सीटें जीतने की राह पर है।
AIMIM की सफलता के प्रभाव
AIMIM की सफलता ने बिहार के राजनीतिक परिदृश्य को चुनौती दी है और यह एक बड़ा बदलाव दिखाता है। बिहार में पारंपरिक पार्टियों के मुकाबले AIMIM ने अपनी राजनीतिक शक्ति को साबित किया है। जोकीहट और बहादुरगंज जैसी सीटों पर पार्टी की जीत ने साबित कर दिया है कि AIMIM अब बिहार की राजनीति का महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है।
AIMIM का भविष्य
AIMIM की यह जीत आने वाले समय में बिहार की राजनीति को प्रभावित कर सकती है। पार्टी के नेता और प्रमुख, असदुद्दीन ओवैसी, अब बिहार में अपने संगठन को और मजबूत करने पर ध्यान देंगे। इस जीत के बाद AIMIM पार्टी का नेतृत्व राज्य की राजनीति में और अधिक प्रभावी भूमिका निभा सकता है।









