
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के ताजा नतीजों ने एक बार फिर एनडीए (बीजेपी, जेडीयू, लोजपा) को बढ़त दिलाई है, जबकि महागठबंधन (आरजेडी, कांग्रेस, सीपीआई, आदि) का प्रदर्शन कमजोर दिखाई दे रहा है। चुनाव आयोग द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार, एनडीए को 243 सीटों में से 208 सीटों पर बढ़त हासिल हो रही है, जो कि उनकी शानदार स्थिति को दर्शाता है।
बीजेपी ने अकेले 95 सीटों पर बढ़त बनाई है, जबकि जेडीयू 84 सीटों पर आगे है।
लोजपा (R), हम और आरएलएम भी कुछ सीटों पर आगे चल रहे हैं। लोजपा (R) 19 सीटों पर आगे है, जबकि हम (जीतन राम मांझी की पार्टी) 5 सीटों पर बढ़त बनाए हुए हैं।
राष्ट्रीय लोक मोर्चा (RLSP) 4 सीटों पर आगे है, और सीपीआई(M) और बीएसपी को भी एक-एक सीट मिलती दिखाई दे रही है।
महागठबंधन की स्थिति:–
आरजेडी (राजद) महज 24 सीटों पर ही आगे चल रही है, जो कि पार्टी के लिए एक बड़ा झटका है।
कांग्रेस का प्रदर्शन भी काफी कमजोर रहा है। सिर्फ किशनगंज से कांग्रेस के कमरुल होदा आगे चल रहे हैं, बाकी जगहों पर पार्टी कहीं नहीं दिख रही।
AIMIM (ओवैसी की पार्टी) 6 सीटों पर और HAM (हम) 5 सीटों पर बढ़त बना रही है, जबकि कांग्रेस इन दोनों पार्टियों से भी पीछे है।
बड़े नाम जो चुनाव जीते
बिहार-अलौली से JDU के रामचंद्र सदा जीते….कल्याणपुर से JDU के महेश्वर हाजरी जीते…हरनौत से JDU के हरि नारायण सिंह जीते….बेलागंज से JDU की मनोरमा देवी जीतीं….मोकामा से JDU के अनंत सिंह चुनाव जीते….मधुबनी से BJP के राणा रणधीर चुनाव जीते
कांग्रेस का खराब प्रदर्शन:
कांग्रेस का इस बार सबसे खराब प्रदर्शन हुआ है। पार्टी केवल एक सीट पर ही आगे चल रही है, और वह भी किशनगंज सीट से।
AIMIM और HAM से भी कांग्रेस पीछे चल रही है।
नतीजे से क्या संकेत मिलते हैं?
यह चुनाव परिणाम एनडीए के लिए बड़ी जीत के संकेत हैं। बिहार में महागठबंधन की सत्ता की वापसी की उम्मीद अब कमजोर होती दिखाई दे रही है। बीजेपी और जेडीयू का गठबंधन एक बार फिर राज्य में अपना दबदबा कायम कर सकता है। वहीं, विपक्षी दलों को इस चुनाव में भारी नुकसान हुआ है, और बिहार की जनता ने एक बार फिर से विकास और सुशासन के पक्ष में वोट किया है।
बिहार के इस चुनाव परिणाम से साफ संकेत मिलता है कि महागठबंधन के लिए सत्ता की राह कठिन होती जा रही है, और एनडीए को भारी बहुमत से जीत मिलने के आसार हैं।
नतीजों का असर:
बिहार में राजनीतिक बदलाव का माहौल देखने को मिल सकता है। बीजेपी और जेडीयू के नेता प्रदेश में विकास और कानून-व्यवस्था को लेकर सकारात्मक बदलाव की उम्मीद जताते हैं। विपक्ष को भी अब अपने आंतरिक मुद्दों पर विचार करने की आवश्यकता है।









