पावर स्टार का पावर खत्म! बीजेपी ने पवन सिंह दिखाया बाहर का रास्ता, काराकाट सीट पर मुकाबला दिलचस्प

पवन सिंह को कई बार काराकाट के चुनाव मैदान से खुद को अलग करने को कहा गया। लेकिन उन्होंने अपना फैसला नहीं बदला।

Lok Sabha Election 2024: भोजपुरी सुपरस्टार पवन सिंह की अब मुश्किलें बढ़ना तय है। उनका बगावती तेवर उन्हीं पर भारी पड़ सकता है। क्योंकि बीजेपी ने उनपर बड़ा एक्शन लेते हुए उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया है। इस एक्शन के बाद अटकलें लग रही हैं कि पवन सिंह को अपनी एक जिद की वजह से ये दिन देखना पड़ा है। दरअसल हाल ही में पवन सिंह ने भाजपा के टिकट को ठुकरा दिया था। इसके बाद कई भाजपा के मंत्रियों ने पवन सिंह के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। इसी मांग और उनके बगावत को देखते हुए उनको बीजेपी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया गया है। लेकिन अब सवाल ये उठता है कि आखिर जिस पवन सिंह को पार्टी इतना तवज्जो दे रही थी! 

ये था पूरा मामला

दरअसल बीजेपी ने लोकसभा चुनाव के लिए भोजपुरी के दिग्गज कलाकार पवन सिंह को पश्चिम बंगाल के आसनसोल से टिकट दिया था। लेकिन पवन सिंह की ये मंजूर नहीं था। उन्होंने इस सीट से लड़ने के लिए साफ़ इंकार कर दिया। पार्टी के ऑफर को ठुकराते हुए उन्होंने कहा था कि वह काराकाट सीट से चुनाव लड़ेंगे और बिना समय गवाएं उन्होंने वहां पर चुनाव प्रचार भी शुरू कर दिया। उन्होंने ऐलान किया कि जल्द ही एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में वह अपना नामांकन पत्र दाखिल करेंगे। इसके बाद बीजेपी चुनावी जंग में इस ऐलान के चलते दुविधा में फंस गई। सियासी जानकारों का मानना था कि अगर पवन सिंह निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनावी मैदान में दाखिल होते हैं तो काराकाट लोकसभा सीट पर बीजेपी उम्मीदवार के लिए जीत हासिल करना मुश्किल हो सकता है।

निष्कासन पत्र में क्या लिखा है?

पवन सिंह को कई बार काराकाट के चुनाव मैदान से खुद को अलग करने को कहा गया। लेकिन उन्होंने अपना फैसला नहीं बदला। जिसके बाद बीजेपी ने उन्हें पार्टी से निकाल दिया। बीजेपी की ओर से जो निष्कासन पत्र जारी किया गया है उसमें लिखा है, ‘लोकसभा चुनाव में आप एनडीए के अधिकृत प्रत्याशी के विरुद्ध चुनाव लड़ रहे हैं। आपका यह कार्य दल विरोधी है। जिससे पार्टी की छवि धूमिल हुई है और पार्टी अनुशासन के विरुद्ध आपने यह कार्य किया है। लिहाजा आपको दल विरोधी कार्य के लिए प्रदेश अध्यक्ष (सम्राट चौधरी) के आदेशानुसार पार्टी से निष्कासित किया जाता है।’

काराकाट सीट पर मुकाबला दिलचस्प

बता दें, काराकाट सीट से उपेंद्र कुशवाहा जल्द ही एनडीए उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन पत्र दाखिल करेंगे। जबकि पूर्व विधायक राजाराम सिंह सीपीआई (एम-एल) लिबरेशन के ‘महागठबंधन’ उम्मीदवार के रूप में इस सीट पर होने वाले चुनावी जंग में उतरेंगे। अब पवन सिंह के कारण बीजेपी के राजपूत वोट बैंक में सेंध लगने का खतरा बढ़ सकता है। जिसके चलते उपेंद्र कुशवाहा की परेशानी बढ़ सकती है। ऐसे में काराकाट सीट पर एक मई को होने वाला  मुकाबला काफी दिलचस्प हो सकता है।

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