दिल्ली हाईकोर्ट ने पुलिस को भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन के खिलाफ दुष्कर्म सहित अन्य धाराओं में प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया है। शाहनवाज हुसैन के खिलाफ पीड़ित महिला ने जनवरी 2018 में निचली अदालत में याचिका दायर कर दुष्कर्म की एफआईआर दर्ज करने का गुजारिश की थी। जिस मामले में आज दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई हुई।
सरकारें अपराध के लगाम को लेकर बडे-बडे दावे तो करती है लेकिन जब उसके ही किसी नेता के खिलाफ कोइ संगीन मामला दर्ज हो जाए तो फिर सरकार की व्यवस्था पर सवाल उठना तो लाजमी है। यही हाल इस समय शाहनवाज हुसैन का है। दिल्ली की रहने वाली महिला ने जनवरी 2018 में आरोप लगाया था कि शाहनवाज हुसैन ने छतरपुर फार्म हाउस में उसके साथ दुष्कर्म किया व जान से मारने की धमकी दी। पीड़ित महिला ने इस मामले निचली अदालत में याचिका दायर कर हुसैन के खिलाफ दुष्कर्म की एफआईआर दर्ज करने का गुजारिश की थी।
महिला कि शिकायत पर पुलिस ने लापरवाही बरती जिसके बाद मामला हाईकोर्ट पहुंच गया। जिसके बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने पुलिस को आदेश दिया कि शाहनवाज हुसैन के खिलाफ दुष्कर्म सहित अन्य धाराओं में प्राथमिकी दर्ज करें। दिल्ली हाईकोर्ट ने मामले की जांच के लिए तीन महीने का समय दिया है। दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि सभी तथ्यों को देखने से स्पष्ट है कि इस मामले में प्राथमिकी दर्ज करने तक पुलिस की ओर से पूरी तरह से अनिच्छा नजर आ रही है। कोर्ट ने कहा कि पुलिस की ओर से निचली अदालत में पेश रिपोर्ट अंतिम रिपोर्ट नहीं थी। पुलिस ने रिपोर्ट पेश कर कहा था कि हुसैन के खिलाफ मामला नहीं बनता, लेकिन निचली अदालत ने कहा था कि अदालत ने पुलिस के तर्क को खारिज कर दिया था।