अयोध्या में जमीनों का सर्किल रेट बढ़ाने के प्रस्ताव पर सपा मुखिया अखिलेश यादव की प्रतिक्रिया आयी है। सोशल मिडिया साइट एक्स पर लिखते हुए उन्होंने प्रदेश की मौजूदा भाजपा सरकार बड़ा हमला बोला है। अखिलेश यादव ने कहा कि अयोध्या की भूमि भाजपाई सौदेबाज़ी और मुनाफ़ाखोरी की शिकार हुई है। भाजपा का अयोध्या से भावात्मक-भावनात्मक लगाव नहीं बल्कि ‘भू-नात्मक’ व ‘मुनाफात्मक’ लोभ है।
सपा मुखिया अखिलेश यादव ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि ”भाजपाइयों ने सस्ते में अपनों को खरीदवाया और जब बेचकर निकलने का समय आया तो भाजपा सरकार ने सर्किल रेट बढ़ाने का प्रबंध करवाया। अयोध्या की भूमि भाजपाई सौदेबाज़ी और मुनाफ़ाखोरी की शिकार हुई है। अयोध्या की जनता तो पहले ही जान गयी थी कि भाजपा का अयोध्या से भावात्मक-भावनात्मक लगाव नहीं बल्कि ‘भू-नात्मक’ व ‘मुनाफ़ात्मक’ लोभ है। भाजपाई लालच ने जब अयोध्या को नहीं छोड़ा तो बाकी देश का क्या हाल कर रहे होंगे, ये कहने की बात नहीं। भाजपा = भू ज़मीन पार्टी है
दरअसल अयोध्या में कुछ प्रमुख स्थान है जहां पर जमीनों के सर्किल में करीब 200 फीसदी का इजाफा हो सकता है। राम मंदिर के भव्य निर्माण के बाद शहर ही नहीं इसके आसपास की जमीनों के दाम भी आसमान छू रहे हैं। आखिरी बार सर्किल दरों में बदलाव साल 2017 में किया गया था. जिलाधिकारी ने सर्किल रेट में वृद्ध का प्रस्ताव दिया है।
क्या होता है सर्किल रेट
बता दें कि सर्किल रेट कुछ राज्यों में ‘रेडी रेकनर रेट’ के रूप में जाना जाता है, वह न्यूनतम मूल्य है जिस पर किसी संपत्ति की बिक्री या हस्तांतरण कानूनी रूप से हो सकता है। यह सरकार द्वारा किसी शहर या क्षेत्र के भीतर विभिन्न इलाकों के लिए निर्धारित मूल्य है। इसे जारी करने का मकसद है कि टैक्स की चोरी न की जा सके। सर्किल रेट नहीं होने पर प्रॉपर्टी बेचने वाला और खरीदने वाला टैक्स चोरी कर सकते हैं।