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BJP का 46वां स्थापना दिवस: दिल्ली में शान से लहराया पार्टी का झंडा, आगामी कार्यक्रमों का ऐलान!

BJP का यह 46वां स्थापना दिवस भारतीय राजनीति में पार्टी की बढ़ती ताकत और सफलता की कहानी को दर्शाता है। पार्टी ने अपने सफर में कई उतार-चढ़ाव देखे, लेकिन आज यह देश की सबसे बड़ी राजनीतिक ताकतों में से एक बन चुकी है।

आज भारतीय जनता पार्टी (BJP) अपना 46वां स्थापना दिवस मना रही है। 6 अप्रैल 1980 को हुई पार्टी की स्थापना के बाद से भाजपा ने भारतीय राजनीति में महत्वपूर्ण स्थान बना लिया है। इस दिन को लेकर पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है, और देशभर में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है।

कार्यक्रम की शुरुआत
दिल्ली भाजपा कार्यालय में स्थापना दिवस के अवसर पर आज सुबह 9:15 बजे दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा द्वारा पार्टी का ध्वजारोहण किया जाएगा। इस समारोह में दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता भी शामिल होंगी। झंडारोहण के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए वीरेंद्र सचदेवा पार्टी की उपलब्धियों और भाजपा के राजनीतिक सफर पर चर्चा करेंगे।

स्थापना दिवस की शुभकामनाएं
भा.ज.पा. के स्थापना दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह समेत पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने देशवासियों को बधाई दी है। भाजपा मुख्यालय पर पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने दीनदयाल उपाध्याय और श्यामा प्रसाद मुखर्जी की मूर्तियों पर माल्यार्पण किया।

उद्घाटन समारोह और आगामी कार्यक्रम
BJP का स्थापना दिवस समारोह 6 अप्रैल से 12 अप्रैल तक बड़े धूमधाम से मनाया जाएगा। इस दौरान पार्टी के पदाधिकारी और कार्यकर्ता कार्यालयों और अपने घरों पर भाजपा का ध्वजारोहण करेंगे। इसके साथ ही वे सोशल मीडिया पर #bjp4viksitBharat हैशटैग के साथ सेल्फी लेकर पोस्ट करेंगे।

विशेष सम्मेलन और बूथ चलो अभियान
8-9 अप्रैल को विधानसभा स्तर पर सक्रिय सदस्यों का सम्मेलन आयोजित किया जाएगा, जिसमें भाजपा के चुनावी और संगठनात्मक विस्तार पर चर्चा होगी। इस दौरान भारतीय राजनीति में भाजपा द्वारा किए गए महत्वपूर्ण बदलाव और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में विकसित भारत की यात्रा पर विशेष रूप से उद्बोधन होगा। साथ ही 7-12 अप्रैल के बीच “बूथ चलो अभियान” के तहत पार्टी के मंडल अध्यक्ष और अन्य वरिष्ठ कार्यकर्ता गांव और शहर के वार्डों में प्रवास करेंगे।

भा.ज.पा. का सफर: 2 सीट से 303 तक
भा.ज.पा. का सफर शुरुआत में कठिन था। 1984 के लोकसभा चुनाव में पार्टी को केवल 2 सीटें ही मिलीं। लेकिन, राममंदिर आंदोलन के बाद पार्टी ने एक नया मोड़ लिया और 1989 में 80 से अधिक सीटों पर जीत हासिल की। 1996 में भाजपा ने 161 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरकर केंद्र में सरकार बनाई, हालांकि बहुमत न होने के कारण वह सरकार लंबे समय तक नहीं चल पाई। इसके बाद 1999 में भाजपा ने केंद्र में सत्ता में वापसी की और 2004 तक सत्ता में रही।

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