“भाजपा का आरक्षण विरोधी चेहरा बेनकाब, PDA की एकता के आगे झुकी सरकार”

उत्तर प्रदेश की राजनीति में इन दिनों उथल-पुथल मची हुई है। खासतौर पर समाजवादी पार्टी और भाजपा के बीच राजनीतिक घमासान जारी है।

उत्तर प्रदेश की राजनीति में इन दिनों उथल-पुथल मची हुई है। खासतौर पर समाजवादी पार्टी और भाजपा के बीच राजनीतिक घमासान जारी है। बता दें कि पिछले दिनों उत्तर प्रदेश में 69000 शिक्षक भर्ती पर उठा मामला अभी थमा नहीं है। वहीं इस बीच अब सपा मुखिया अखिलेश यादव ने एक ट्वीट किया है। बता दें ये ट्वीट जुड़ा है UPSC में लेटरल एंट्री से। दरअसल, बात ये है कि लेटरल एंट्री को लेकर कुछ दिनों पहले सीधी भर्ती को लेकर एक विज्ञापन निकाला था। जिसपर आज पीएम मोदी के निर्देश के बाद DOPT मंत्रालय ने UPSC के चेयरमैन को लेटर लिखकर उसे रद्द करने का निर्देष दिया है।

“PDA की एकता के आगे झुकी सरकार”

इसी मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए सपा मुखिया अखिलेश यादव ने कहा है कि “यूपीएससी में लेटरल एन्ट्री के पिछले दरवाज़े से आरक्षण को नकारते हुए नियुक्तियों की साज़िश आख़िरकार पीडीए की एकता के आगे झुक गयी है। सरकार को अब अपना ये फ़ैसला भी वापस लेना पड़ा है” उन्होंने आगे कहा कि समाजवादी पार्टी 2 अक्टूबर से शुरू होनेवाले आंदोलन के आह्वान को स्थगित करती है, साथ ही ये संकल्प लेती है कि भविष्य में भी ऐसी किसी चाल को कामयाब नहीं होने देगी व पुरज़ोर तरीके से इसका निर्णायक विरोध किया जाएगा। आखिर में उन्होंने कहा कि लेटरल एंट्री से भाजपा का आरक्षण विरोधी चेहरा उजागर हुआ है।

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