महाराष्ट्र के बीड जिले में बंदरों का कहर जारी है। स्थानीय अधिकारियों के अनुसार, मजलगांव में बंदरों ने पिछले तीन महीनों में लगभग 80 पिल्लों को ऊंचाई से नीचे फेंक कर मार डाला है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह ‘बदला लेने का चक्र’ तब शुरू हुआ जब इलाके में कुछ आवारा कुत्तों ने एक नवजात बंदर को मौत के घाट उतार दिया।
मजलगांव के एक गांव लावूल की आबादी करीब 5,000 है। हालाँकि, अब इस गाँव में एक भी पिल्ला नहीं बचा है। वहीं लावूल में बंदरों के व्यवहार से ग्रामीणों में दहशत है। उनमें से कुछ का कहना है कि ‘बंदरों का एक गिरोह’ गांव में प्रवेश करता है और पिल्लों पर हमला करता है।
एक ग्रामीण ने बताया कि बंदर गांव के अंदर आते हैं और पिल्लों की तलाश करते हैं। और जब बंदरों को एक पिल्ला मिल जाता है, तो बंदर पिल्लों को उठाकर किसी पेड़ या ऊंची इमारत के ऊपर से फेंक देते हैं। जब से बंदरों के हमले शुरू हुए हैं, ग्रामिण इस उम्मीद में वन विभाग की ओर देख रहे हैं कि वे इलाके में आतंक फैलाने वाले बंदरों को पकड़ लेंगे। वहीं वन विभाग ने स्थानीय पुलिस की मदद से गांव को आतंकित करने वाले अधिकांश बंदरों को पकड़ने में कामयाबी हासिल की है। हालांकि स्थानीय लोग अभी भी चिंतित हैं।