प्रेमानंद महाराज की पदयात्रा का विरोध करने वालों का बहिष्कार, वृंदावन में आस्था को लेकर नया विवाद गहराएगा?

वृंदावन में संत प्रेमानंद जी की पदयात्रा का विरोध करने वालों के खिलाफ स्थानीय लोगों में गुस्सा बढ़ता जा रहा है। सोसाइटी के कुछ निवासियों द्वारा यात्रा के विरोध में लगाए गए पोस्टरों के बाद यह मामला गर्मा गया है।

वृंदावन- प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज जी को तो आप सभी लोग जानते होगे. उनके पास बड़े बड़े दिग्गज खिलाड़ी, बॉलीवुड कलाकार और सिंगर अपनी परेशानियां लेकर आते हैं. साथ ही उनसे अपनी अध्यात्मिक जर्नी को कैसे शुरु करना है ये भी पूछते है. धर्म,शास्त्र और परिवार मामला कुछ भी हो. वो हर एक बात पर अपनी राय रखते हैं इतना ही नहीं उनके फॉलो करने वालों का आंकड़ा बहुत ही ज्यादा है. युवा हो या बुजुर्ग वृंदावन में उनके दरबार में जाने का कोई भी मौका नहीं छोड़ना चाहता है. पर संत प्रेमानंद महाराज जी पिछले कुछ दिनों में अपनी पदयात्रा को लेकर सुर्खियों में छाए हुए थे. क्योंकि कुछ लोग उनकी इस पदयात्रा का विरोध कर रहे थे. स्थानीय लोगों का कहना था क‍ि विरोध पदयात्रा का नहीं था, बल्कि रात दो बजे बैंडबाजा, ढोल, आतिशबाजी का शोर था।

बढ़ते हुए विरोध को देखकर संत प्रेमानंद ने रात्रिकालीन पदयात्रा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया था.पर मामला यहीं पर शांत नहीं हुआ.क्यों संत प्रेमानंद ने समर्थकों को ये बात और फैसला बिल्कुल भी रास नहीं आया.इतना ही नहीं पदयात्रा स्थगित करने पर समर्थन में धर्माचार्यों ने भी बयान देना शुरू कर दिया.

पर इस मामले में अब नई जानकारी सामने आ रही है.

संत प्रेमानंद जी की पदयात्रा के विरोध पर बढ़ा आक्रोश, बहिष्कार शुरू

वृंदावन में संत प्रेमानंद जी की पदयात्रा का विरोध करने वालों के खिलाफ स्थानीय लोगों में गुस्सा बढ़ता जा रहा है। सोसाइटी के कुछ निवासियों द्वारा यात्रा के विरोध में लगाए गए पोस्टरों के बाद यह मामला गर्मा गया है।

राष्ट्रीय ब्राह्मण सेवा संघ ने इस मुद्दे पर बैठक आयोजित की और विरोध दर्ज कराया। भक्तों और श्रद्धालुओं ने संत प्रेमानंद जी के समर्थन में एकजुट होकर आवाज उठाई है। उनका कहना है कि पदयात्रा धर्म और आस्था से जुड़ी है, और इसका विरोध असहनीय है।

स्थिति के चलते स्थानीय समुदाय में विवाद गहराता दिख रहा है। लोग सवाल कर रहे हैं कि क्या यह मामला वृंदावन में धर्म और आस्था को लेकर बड़े विवाद का रूप ले सकता है।

पूरी रिपोर्ट जल्द आने की उम्मीद है। इस बीच, प्रशासन को स्थिति पर नजर रखने की सलाह दी गई है ताकि शांति और सामंजस्य बनाए रखा जा सके।

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