
लखनऊ | राजधानी लखनऊ में सामने आए बहुचर्चित कमीशनखोरी केस में नया मोड़ आया है। भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम कोर्ट ने आरोपित निकांत जैन को जमानत दे दी है। निकांत वही व्यक्ति हैं, जिन्हें उत्तर प्रदेश इन्वेस्ट के तत्कालीन सीईओ और वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अभिषेक प्रकाश के लिए कथित तौर पर कमीशन वसूलने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
ब्रेकिंग न्यूज | कमीशनखोरी केस में निकांत जैन को मिली जमानत, सवालों के घेरे में IAS अभिषेक प्रकाश पर कार्रवाई न होना
— भारत समाचार | Bharat Samachar (@bstvlive) May 23, 2025
लखनऊ की भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम कोर्ट से निकांत जैन को जमानत मिल गई है। निकांत वही व्यक्ति हैं, जिन्हें IAS अधिकारी अभिषेक प्रकाश के लिए कमीशनखोरी करने के आरोप… pic.twitter.com/t6UO6YQ8UH
गौरतलब है कि 20 मार्च को लखनऊ पुलिस ने निकांत जैन को गोमती नगर इलाके से गिरफ्तार किया था। इसके बाद सरकार ने तत्कालीन CEO अभिषेक प्रकाश को निलंबित कर दिया था। SIT द्वारा मामले की गहन जांच की गई और निकांत जैन के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी गई। लेकिन हैरानी की बात यह है कि मुख्य आरोपी माने जा रहे आईएएस अभिषेक प्रकाश से अब तक कोई पूछताछ नहीं की गई है।
इस मामले में एक कॉरपोरेट कंपनी के अधिकारी ने आरोप लगाया था कि उन्हें एक सरकारी योजना के तहत 5% कमीशन की मांग की गई, और इसके लिए उन्हें निकांत जैन से संपर्क करने को कहा गया, जिन्होंने कथित रूप से खुद को अभिषेक प्रकाश का करीबी बताया।
अब सवाल उठ रहे हैं कि जब पीड़ित ने स्पष्ट रूप से IAS अधिकारी का नाम लिया, तो अब तक उनसे पूछताछ क्यों नहीं हुई? क्या SIT पर किसी तरह का दबाव है?
इस प्रकरण ने न केवल शासन की पारदर्शिता बल्कि जांच एजेंसियों की निष्पक्षता पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। जनता अब इस पूरे मामले में निष्पक्ष कार्रवाई और जवाबदेही की मांग कर रही है।









