कानपुर के दो युवकों की हमीरपुर में अपहरण के बाद नृशंस हत्या, दोनों को मारकर लाश कुएं में फैंकी

प्रिया को कहा गया कि मामला बर्रा थाने का नही, हमीरपुर का है इसलिए इसमें गुमशुदगी भी वहीं दर्ज होगी. प्रिया ने दोनों को तलाश करने के लिए कहा तो पुलिसवालों ने उन्हें गालियां देकर भगा दिया. बेबस प्रिया जब हमीरपुर के सुमेरपुर थाने पहुंची तो उन्हें कहा गया कि मामला बर्रा थाने का है वहां से कार्रवाई होगी. प्रिया और उसके परिजन इस तरह तीन दिन तक भटकते रहे.

हमीरपुर में दो युवकों के अपहरण के बाद उनकी नृशंसता से हत्या कर दी गयी है. दोनो की लाशें 4 दिन बाद एक कुएं से बरामद की गयी है. दोनों युवक एक एनजीओ के लिए काम करते थे और इसी काम के सिलसिले में हमीरपुर आये थे.

कानपुर वैष्णवी बिहार जरौली फेस-2 निवासी प्रिया शर्मा को 13 मार्च से अपने भाई और बेटे की तलाश थी. 12 मार्च को दोनो (मयंक-19 साल, विपुल-17 साल) मोटरसाइकिल से हमीरपुर जाने के लिए निकले थे. हमीरपुर पहुंचकर उन्होने फोन करके परिजनों को बताया था कि वह पत्यौरा के संतराम के घर पहुंच गये है.

पत्यौरा का संतराम ही वह शख्स था जिसने दोनो युवकों को फोन करके हमीरपुर बुलाया था. फोन कॉल के बाद दोनो के फोन स्विच ऑफ हो गये. जब दोनो को कोई पता नही चला तो प्रिया शर्मा हमीरपुर पहुंची और दोनो की तलाश की. असफल रहने पर वह पुलिस के पास पहुंची थी.

प्रिया शर्मा को किसी अनहोनी की आशंका थी लेकिन पुलिस उन्हें लगातार टरकाये जा रही थी. किसी तरह गुमशुदगी दर्ज हुई और पुलिस ने इस मामले में पूछताछ शुरू की. 3 दिन बाद सुराग मिलने पर पुलिस ने मंयक और विपुल की लाशें गांव के एक कुएं से बरामद की है.

एसपी कमलेश दीक्षित ने बताया कि प्रिया शर्मा की तहरीर के आधार पर केस दर्ज किया गया था. ग्रामीणों ने सूचना दी थी कि कुएं के पास एक मोटरसाइकिल मिली है और कुएं में लाशें पड़ी हुई है. यह मोटरसाइकिल मयंक की थी. लाशें कुएं से निकलवाई गयी तो गायब हुए युवकों की निकली.

अंतिम लोकेशन के आधार पर पुलिस ने संतराम से जब कड़ाई से पूछताछ की तो पता चला कि दोनो की हत्या कर दी गयी है. इस हत्याकांड में संतराम, उसका पिता शंकरी निषाद और मामा रामस्वरूप को हिरासत में लिया गया है. संतराम के पिता का आपराधिक इतिहास है. वह दस्यु सरगना भाऊ सिंह समेत कई बड़े डकैतों के गैंग का सक्रिय बदमाश रहा है. वारदात के पीछे कई लाख के लेनदेन का विवाद है.

3 दिन पुलिस की चौखट पर सिर पीटती रही प्रिया-
मयंक और विपुल कानपुर के बर्रा थाने के निवासी थे. उनसे संपर्क टूट जाने के बाद प्रिया ने पुलिस को सूचना दी थी लेकिन पुलिस 3 दिन तक हर रोज उसे टरकाती रही. प्रिया को कहा गया कि मामला हमीरपुर का है इसलिए इसमें गुमशुदगी भी वहीं दर्ज होगी. प्रिया ने दोनों को तलाश करने के लिए कहा तो पुलिसवालों ने उन्हें गालियां देकर भगा दिया. बेबस प्रिया जब हमीरपुर के सुमेरपुर थाने पहुंची तो उन्हें कहा गया कि मामला बर्रा थाने का है वहां से कार्रवाई होगी. पुलिस की गैर पेशेवर भूमिका प्रदेश सरकार की अच्छी पुलिसिंग के दावे की पोल खोलती है. पुलिस अफसर अब दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की बात कह रहे है.

Related Articles

Back to top button