
बीएसपी नेता अनुपम दुबे को उम्र कैद की सजा हो गई है। कानपुर जीआरपी कोर्ट ने उन्हे उम्र कैद की सजा सुनाई है। 27 साल बाद माफिया अनुपम दुबे को इस मामले में सजा हुई है। बसपा नेता अनुपम दुबे की 113 करोड़ की संपत्ति को जिला प्रशासन कुर्की कर चुका है। अनुपम दुबे पर 63 मुकदमे दर्ज है। माफिया अनुपम दुबे पर 14.05.1996 में हत्या का मुकदमा दर्ज हुआ था।
अपर जिला जज अष्टम राम अवतार प्रसाद ने ईओडब्ल्यू इंस्पेक्टर की हत्या के 27 साल पुराने मामले में आरोपी फर्रुखाबाद के बसपा नेता अनुपम दुबे को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। ईओडब्ल्यू में तैनात मेरठ निवासी रामनिवास यादव की 1996 में अनवरगंज स्टेशन पर खड़ी ट्रेन में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
रामनिवास ने फर्रुखाबाद में तैनाती के दौरान दर्ज एक मामले की जांच की थी। इसी मामले में गवाही देने के लिए रामनिवास फर्रुखाबाद गए थे। ट्रेन से लौटते समय ट्रेन में ही उनकी हत्या कर दी गई। अनुपम दुबे के अलावा नेम कुमार उर्फ बिलैया और कौशल के खिलाफ जीआरपी थाने में हत्या का मामला दर्ज किया गया था।
मामले की सुनवाई के दौरान नेम कुमार और कौशल की मौत हो गयी। अनुपम की अनुपस्थिति के कारण सीएमएम कोर्ट ने 2021 में कुर्की का आदेश जारी किया था। इसके बाद अनुपम ने फर्रुखाबाद में दर्ज एक अन्य मामले में आत्मसमर्पण कर दिया और जेल चले गए। फिर फर्रुखाबाद जेल में उनका वारंट तामील कराया गया और उन्हें कोर्ट में पेश किया गया।
गुरुवार को कड़ी सुरक्षा के बीच मथुरा जेल में बंद अनुपम को फैसला सुनने के लिए कोर्ट लाया गया। 27 साल पुराने मामले में आरोपी फर्रुखाबाद के बसपा नेता अनुपम दुबे को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।









