बसपा अध्यक्ष ने अपने आवास पर मनाया बाबा साहेब का महापरिनिर्वाण दिवस , एक्स पर पोस्ट कर केंद्र सरकार पर साधा निशाना

आज पूरे भारत में डॉ. बी.आर. आंबेडकर का महापरिनिर्वाण दिवस मनाया जा रहा है।इस मौके पर बसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने बाबासाहेब  के 69 वें महापरिनिर्वाण दिवस पर नई दिल्ली स्थित निजी आवास पर उनके तस्वीर पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी

आज पूरे भारत में डॉ. बी.आर. आंबेडकर का महापरिनिर्वाण दिवस मनाया जा रहा है।इस मौके पर बसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने बाबासाहेब  के 69 वें महापरिनिर्वाण दिवस पर नई दिल्ली स्थित निजी आवास पर उनके तस्वीर पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी । इसके बाद उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के माध्यम से सरकार से सवाल किया कि देश के बहुजनों के अच्छे दिन कब आएंगे । उन्होंने केंद्र में मौजूदा मोदी सरकार पर भी निशाना साधा और साथ ही रुपये के भारी गिरावट पर भी चिंता जताई है।

 बसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने अपने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट किया कि “स्वतंत्रता दिवस व गणतंत्र दिवस के साथ-साथ संविधान निर्माता बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर की जयंती एवं पुण्यतिथि के ख़ास मौकों पर यह सवाल मन-मस्तिष्क में उठता रहेगा कि संविधान के पवित्र मानवतावादी व कल्याणकारी उद्देश्यों पर आधारित देश के करोड़ों बहुजनों के ’आत्म-सम्मान व स्वाभिमान-युक्त अच्छे दिन’ कब आयेंगे।
वैसे भी देश की एकमात्र अम्बेडकरवादी पार्टी होने के नाते बी.एस.पी इस बात को लेकर सचेत, सजग व चिन्तित भी है कि देश के उन करोड़ों शोषित-पीड़ित दलितों, आदिवासियों व अन्य पिछड़े वर्गों (ओबीसी) आदि समाज के लोगों के लिए थोड़े ’अच्छे दिन’ अब तक क्यों नहीं आये हैं जिनके लिये बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर आजीवन कड़ा संघर्ष करते रहे और अंततः उनके हित, कल्याण व उत्थान हेतु संविधान में अनेकों अधिकार देकर क़ानून बनवाये। इनको शत्-शत् नमन्।”

बता दें कि मायावती ने पहले ही फैसला लेते हुए कहा था कि इस बार स्मारक स्थलों  पर जयंती-पुण्यतिथि नहीं मनाएगी। दरअसल भारत रत्न  बाबासाहेब आंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस पर गौतमबुद्ध नगर में बड़े समारोह का आयोजन करने की चर्चाएं थी । इसका खंडन किया और उन्होंने कहा कि  वे अब डॉ. बी. आर. आंबेडकर सहित अन्य महापुरुषों की भी जयंती और पुण्यतिथि उन सभी महापुरुषों के स्मारक स्थलों पर जाकर नहीं मनाएगी ।  बल्कि वे अब अपने निजी आवास या पार्टी कार्यालय पर होने वाले कार्यक्रमों में ही मौजूद रहेंगी।  

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