बसपा सुप्रीमो मायावती ने की कर्नाटक विधानसभा चुनाव की समीक्षा बैठक, कार्यकताओं को दी जनाधार बढ़ाने की हिदायत

कर्नाटक समीक्षा बैठक में पार्टी के खराब प्रदर्शन को लेकर वरिष्ठ पदाधिकारियों व जिम्मेदार लोगों पर नाराजगी जताते हुये उन्होंने कहा कि हर राज्य में पार्टी की तैयारी इस प्रकार से होनी चाहिए कि चुनाव में हवा चाहे किसी भी पार्टी के पक्ष में हो, बी.एस.पी. की स्थिति अच्छी रहनी चाहिए. इस ओर विशेष ध्यान देने की जरूरत है.

लखनऊ : बहुजन समाज पार्टी (बी.एस.पी.) की राष्ट्रीय अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने मंगलवार को पार्टी कार्यालय पर कर्नाटक विधानसभा आमचुनाव में पार्टी के प्रदर्शन को लेकर समीक्षा बैठक के दौरान उनकी कमियों पर ध्यान आकृर्षित करते हुए उन्हें कैडर के आधार पर पार्टी के जनाधार को बढ़ाने की हिदायत दी.

कर्नाटक समीक्षा बैठक में पार्टी के खराब प्रदर्शन को लेकर वरिष्ठ पदाधिकारियों व जिम्मेदार लोगों पर नाराजगी जताते हुये उन्होंने कहा कि हर राज्य में पार्टी की तैयारी इस प्रकार से होनी चाहिए कि चुनाव में हवा चाहे किसी भी पार्टी के पक्ष में हो, बी.एस.पी. की स्थिति अच्छी रहनी चाहिए। इस ओर विशेष ध्यान देने की जरूरत है.

उन्होंने कहा कि पार्टी के लोगों में इस बात की जागरुकता होना बहुत जरूरी है कि बी.एस.पी. सरकार होगी तभी परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के मानवतावादी कारवाँ को आगे बढ़ाकर ‘सामाजिक परिवर्तन व आर्थिक मुक्ति’ के मिशनरी कार्य को तेजी से जमीनी स्तर पर उतार कर शोषित व वंचित समाज के करोड़ों लोगों को अपना उद्धार स्वंय करने योग्य बनाया जा सकता है, अर्थात् अपने पैरों पर खड़ा किया जा सकता है, जिसकी बुनियाद खासकर बहुजन समाज की अपनी एकजुटता व राजनीतिक शक्ति के रूप में स्थापित होना जरूरी है.

बसपा प्रमुख ने कहा की सरकारों की गलत नीतियों व उनके जनविरोधी कार्यकलापों के कारण देश में ख़ासकर बढ़ती हुई महंगाई, गरीबी और बेरोजगारी का अभिशाप, जी तोड़ मेहनत लेकिन मेहनताना कम, नये-नये सरकारी नियम-कायदों व करों का बढ़ता जंजाल आदि के कारण लोगों का त्रस्त होता दिन-प्रतिदिन का जीवन अब सत्ताधारी पार्टियों को महंगा पड़ने लगा है.

बसपा प्रमुख ने कहा कि दलित व मुस्लिम समाज को सत्ता में अपनी उचित भागीदारी और अपने राजनीतिक भविष्य को लेकर अब काफी सजग व सतर्क हो जाना चाहिए, क्योंकि कर्नाटक में इन वर्गों के लोगों ने भी एकजुट होकर कांग्रेस को वोट देकर जिताया है, किन्तु सरकार बनते समय इनकी हमेशा की तरह फिर इनकी उपेक्षा की गई। इनकी दावेदारी की अनदेखी करते हुए इन्हें न तो सीएम बनाया गया और न ही कोई डिप्टी सीएम.

बसपा प्रमुख मायावती ने आगे कहा कि कांग्रेस को कर्नाटक में भी दलित व मुस्लिम समाज के लोग केवल उनके अपने बुरे दिनों में ही याद आते हैं किन्तु सत्ता मिलते ही इन्हें दरकिनार कर दिया जाता है। जबकि इसके अनेको ओर भी उदाहरण है, कर्नाटक के लोगों को ही नहीं बल्कि देश भर में इन वर्गों के लोगों को इस कड़वी सच्चाई को समझ कर आगे की तैयारी करने की जरूरत है.

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