Budaun: तेरे जैसा कोई मिला ही नहीं… छोटी उम्र में बड़े शेर कहने वाले मशहूर शायर का निधन

‘दिल से साबित करो कि जिंदा हो, सांस लेना कोई सबूत नहीं है, तुमने नाराज होना भी छोड़ दिया, इतनी नाराजगी भी ठीक नहीं है’....

Budaun: पूछ लेते वो बस मिज़ाज मिरा.. कितना आसान था इलाज मिरा.. ये शेर आपने पढ़ी या सुनी जरुर होगी, लेकिन अब नहीं सुन पाएंगे. क्योंकि ये शेर कहने वाले अंतरराष्ट्रीय स्तर के शायर फहमी बदायूनी का 72 साल की उम्र में निधन हो गया हैं. वही आज सुबह फहमी बदायूनी को सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा.

छोटी उम्र में बड़े शेर कहने वाला शायर

वही फहमी बदायूंनी का जन्म उत्तर प्रदेश के बदायूं में 4 जनवरी 1952 को हुआ था. बेहद कम उम्र में ही पिता का साया सिर से उठ जाने के कारण परिवार को संभालने की जिम्मेदारी में उन्हें कलम के सिपाही से पैमाइश करने वाला पटवारी बना डाला, लेकिन नियति को तो कुछ और ही मंजूर था. विज्ञान और गणित की बारीकियों को समझने वाले फहमी बदायूनी को छोटी उम्र में बड़े शेर कहने वाला शायर माना जाता है. हाल के दिनों में उनके कई शेर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर जमकर पढ़े जा रहे हैं.

फहीम बदायूंनी के मशहूर शेर…

  • ‘दिल से साबित करो कि जिंदा हो, सांस लेना कोई सबूत नहीं है, तुमने नाराज होना भी छोड़ दिया, इतनी नाराजगी भी ठीक नहीं है’
  • पूछ लेते वो बस मिजाज मिरा…कितना आसान था इलाज मिरा
  • तेरे जैसा कोई मिला ही नहीं… कैसे मिलता कहीं पे था ही नहीं

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