दलितों के बुद्ध, आंबेडकर का परिनिर्वाण दिवस आज, जानिये बाबा साहब के जीवन के कुछ अनछुए पहलु…

भारत के महान सुधारवादी नेता और भारत के संविधान के मुख्य वास्तुकार डॉ भीमराव रामजी अम्बेडकर की आज पुण्यतितिथि है जिसे देशभर में इनके परिनिर्वाण दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। 14 अप्रैल, 1891 को मध्य प्रदेश के महू में जन्मे, अम्बेडकर को अक्सर भारतीय संविधान के प्रमुख वास्तुकार या एक दलित नेता के रूप में जाना जाता है।

1930 की दशक के शुरुआत में भारत की संवैधानिक स्थिति पर गोलमेज सम्मेलनों में भाग लेने के लिए अंग्रेजों द्वारा नियुक्त दो ‘दलित’ प्रतिनिधियों में से एक थे। उन्होंने स्वतंत्रता की ओर ले जाने वाली परिचर्चाओं में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। डॉ अम्बेडकर ने अपने काम के माध्यम से न केवल अछूतों बल्कि समाज के अन्य दलित वर्गों का भी उत्थान किया। इसके अलावा, डॉ अम्बेडकर ने भारत में सामाजिक-आर्थिक असमानताओं को कम करने के लिए भी काम किया।

अपने कई अनुयायियों के साथ, डॉ बीआर अंबेडकर ने 14 अक्टूबर, 1956 को बौद्ध धर्म ग्रहण किया। उनके प्रशंसकों और अनुयायियों का मानना ​​​​है कि उनका प्रभाव बुद्ध के समान महान था, यही कारण है कि अम्बेडकर की पुण्यतिथि को महापरिनिर्वाण दिवस के रूप में मनाया जाता है।

बाबा साहब के परिनिर्वाण दिवस के अवसर पर भारतीय राजनीती के कई दिग्गजों ने श्रद्धांजलि अर्पित की। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोशल मीडिया साइट कू पर अपनी एक पोस्ट में लिखा,”महान विधिवेत्ता, सामाजिक न्याय के प्रबल पक्षधर, भारत के सर्वसमावेशी संविधान के शिल्पकार, ’भारत रत्न’ बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर जी के महापरिनिर्वाण दिवस पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि। राष्ट्र निर्माण एवं समतामूलक समाज की स्थापना हेतु आपके कार्य सभी के लिए महान प्रेरणा हैं।”

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महान विधिवेत्ता, सामाजिक न्याय के प्रबल पक्षधर, भारत के सर्वसमावेशी संविधान के शिल्पकार, ’भारत रत्न’ बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर जी के महापरिनिर्वाण दिवस पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि। राष्ट्र निर्माण एवं समतामूलक समाज की स्थापना हेतु आपके कार्य सभी के लिए महान प्रेरणा हैं। Yogi Adityanath (@myogiadityanath) 6 Dec 2021

यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या ने भी कू के जरिये श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए लिखा,””हम आदि से अंत तक भारतीय है।” – डॉ. भीमराव अम्बेडकर। महान विधिवेत्ता एवं सामाजिक भेदभाव के विरुद्ध अभियान चलाने वाले, संविधान निर्माता भारत रत्न बाबा साहेब डॉ. भीमराव रामजी अम्बेडकर जी की पुण्यतिथि पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि।”

भाजपा के वरिष्ठ नेता पियूष गोयल ने कू पर लिखा,”भारत रत्न से सम्मानित देश के संविधान निर्माता बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर जी की पुण्यतिथि पर मैं श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ। अपना संपूर्ण जीवन उन्होंने सामाजिक समानता और न्याय के लिये समर्पित किया, तथा देश और समाज के प्रति अपने दायित्वों को पूरी निष्ठा से निभाया।”

केंद्रीय सड़क और परिवहन मंत्री और भाजपा नेता नितिन गडकरी ने सोशल मीडिया साइट कू पर अपनी एक पोस्ट बाबा साहब को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए लिखा,”भारतीय संविधान के शिल्पकार भारत रत्न परम पूजनीय डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर जी के महापरिनिर्वाण दिवस पर उन्हें कोटि कोटि वंदन।”

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता, मुखर नेता और भाजपा केंद्रीय समिति में उड़ीसा का प्रतिनिधित्व करने वाले डॉ संबित पात्रा ने भी बाबा साहब को श्रद्धांजलि देते हुए लिखा,”महान विधिवेत्ता, सामाजिक न्याय के अग्रदूत एवं भारतीय संविधान के शिल्पकार भारत रत्न बाबासाहेब डॉ• भीमराव आम्बेडकर जी के महापरिनिर्वाण दिवस पर कोटिशः नमन।”

सुभासपा नेता ओमप्रकाश राजभर ने भी बाबा साहब को श्रद्धांजलि दी है। उन्होंने सोशल मीडिया साइट कू पर लिखा,”भारतीय संविधान के निर्माता, मानवता के समर्थक, सामाजिक समरसता के प्रतीक डॉ० भीमराव अम्बेडकर जी की पुण्यतिथि पर शत-शत नमन।”

लोकसभा के अध्यक्ष और भाजपा के दिग्गज नेता ओम बिरला ने सोशल मीडिया साइट कू के जरिये बाबा साहब को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए लिखा,”संविधान शिल्पी ”भारत रत्न” श्रद्धेय बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर जी के #महापरिनिर्वाण_दिवस पर शत-शत नमन। उनके विचारों ने भारत की सामाजिक-आर्थिक नीतियों और कानूनी ढांचों में प्रगतिशील बदलाव किए। स्वतंत्रता, समानता व बंधुत्व के प्रयासों के लिए देश बाबा साहेब का सदैव कृतज्ञ रहेगा।”

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संविधान शिल्पी ”भारत रत्न” श्रद्धेय बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर जी के #महापरिनिर्वाण_दिवस पर शत-शत नमन। उनके विचारों ने भारत की सामाजिक-आर्थिक नीतियों और कानूनी ढांचों में प्रगतिशील बदलाव किए। स्वतंत्रता, समानता व बंधुत्व के प्रयासों के लिए देश बाबा साहेब का सदैव कृतज्ञ रहेगा। Om Birla (@ombirlakota) 6 Dec 2021

बता दें कि संविधान शिल्पी बाबा साहब भीमराव रामजी आंबेडकर को एक बार इस्तीफा भी देना पड़ा था। बात दरअसल उस समय की है जब बाबा साहब आंबेडकर कानून मंत्री हुआ करते थे। साल 1951 में भारत सरकार ने संसद में हिंदू कोड बिल पेश किया, लेकिन चर्चा के दौरान सरकार के साथ बाबा साहब के कड़े मतभेद उभरकर सामने आये जिसके कारण अंबेडकर ने अपने कानून मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था। आंबेडकर ने जहां भी अन्याय का सामना किया, उन्हें समाप्त करने का प्रयास किया और भारत को संविधान प्रदाता इस महान विभूति के इन योगदानों को चिन्हित करने हेतु साल 1990 में उन्हें मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया गया।

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