Bulldozer Action: यूपी के बाद देश के अन्य हिस्सों में न्याय का प्रतीक बन चुके बुलडोजर के चक्के अब सुप्रीम कोर्ट की अनुमति के बिना आगे नहीं बढ़ेंगे. अब सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि उसके इजाजत के बिना देश में कहीं भी बुलडोजर कार्रवाई नहीं की जा सकेगी. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से सभी विपक्षी दलों के नेता खुश हैं, और अपने-अपने बयान दें रहें हैं.. वही अब इस पर बीएसपी की चीफ मायावती का भी बयान आया हैं.. उन्होंने बुलडोजर को विध्वंस कानून का राज का प्रतीक बताया.
बुलडोजर विध्वंस कानून के राज का प्रतीक
मायावती नें ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा कि, बुलडोजर विध्वंस कानून का राज का प्रतीक नहीं होने के बावजूद इसके प्रयोग की बढ़ती प्रवृति चिन्तनीय. वैसे बुलडोजर व अन्य किसी मामले में जब आम जनता उससे सहमत नहीं होती है तो फिर केन्द्र को आगे आकर उस पर पूरे देश के लिए एक-समान गाइडलाइन्स बनाना चाहिए, वरना बुलडोजर एक्शन के मामले में माननीय सुप्रीम कोर्ट को इसमें दख़ल देकर केन्द्र सरकार की ज़िम्मेवारी को खुद नहीं निभाना पड़ता, जो यह ज़रूरी था. केन्द्र व राज्य सरकारें संविधान व कानूनी राज के अमल होने पर ज़रूर ध्यान दें.
1. बुलडोजर विध्वंस कानून का राज का प्रतीक नहीं होने के बावजूद इसके प्रयोग की बढ़ती प्रवृति चिन्तनीय। वैसे बुलडोजर व अन्य किसी मामले में जब आम जनता उससे सहमत नहीं होती है तो फिर केन्द्र को आगे आकर उस पर पूरे देश के लिए एक-समान गाइडलाइन्स बनाना चाहिए, जो नहीं किए जा रहे हैं। 1/2
— Mayawati (@Mayawati) September 18, 2024
अखिलेश यादव ने भी किया स्वागत
वही इससे पहले सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी इस पर बयान देते हुए कहा था कि कोर्ट ने बुलडोज़र को ही नहीं बल्कि बुलडोज़र की राजनीति को भी किनारे लगा दिया. आज बुलडोजर के पहिये खुल गए और स्टीयरिंग हत्थे से उखड़ गया है. ये उनके लिए पहचान का संकट है जिन्होंने बुलडोजर को अपना प्रतीक बना लिया था.