केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश-न्यायमूर्ति नारायण शुक्ला और अन्य के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। दरसल, CBI लखनऊ स्थित प्रसाद आयुर्विज्ञान संस्थान से जुड़े एक न्यायिक भ्रष्टाचार मामले की जांच कर रही थी। इस मामले में गुरूवार को CBI ने न्यायलय में अंतिम आरोप पत्र दाखिल कर दिया।
भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और आपराधिक साजिश के आरोपों के तहत दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में विशेष न्यायाधीश अनिल कुमार सिसोदिया की अदालत में गुरुवार को आरोप पत्र दायर किया गया था। अदालत ने मामले की सुनवाई के लिए 20 दिसंबर की तारीख तय किया है। बता दें कि बीते 12 नवंबर को केंद्रीय जांच एजेंसी ने जांच पूरी करने पर शुक्ला के खिलाफ अभियोजन की मंजूरी मांगी थी। जिसपर सरकार ने पिछले हफ्ते नवंबर में मंजूरी दे दी, जिससे सीबीआई को अदालत में आरोप पत्र जमा करने में मदद मिली।
सूत्रों कि मानें तो CBI के अधिकारियों ने चार्जशीट में न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) शुक्ला और अन्य के खिलाफ “पर्याप्त सबूत” पेश किए हैं। गौरतलब हो कि, जुलाई 2020 में सेवा से सेवानिवृत्त हुए शुक्ला पर लखनऊ स्थित मेडिकल कॉलेज के पक्ष में एक आदेश पारित करने के लिए रिश्वत लेने का आरोप है, जिसे मई 2017 में देश के चिकित्सा शिक्षा नियामक संस्था मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (MCI) द्वारा छात्रों को प्रवेश देने से रोक दिया गया था।